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Dogri-Kashmiri Ki Lokpriya Kahaniyan   

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Author Gauri Shankar Raina
Features
  • ISBN : 9789353226695
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : Ist
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Gauri Shankar Raina
  • 9789353226695
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • Ist
  • 2019
  • 168
  • Hard Cover
  • 300 Grams

Description

इस पुस्तक में संकलित विशिष्ट प्रकार रकी डोगरी तथा कश्मीरी कहानियाँ जम्मू-कश्मीर के पर्वतीय क्षेत्र में रहनेवाले लोगों के जीवन, मर्यादाओं, रीतियों और सुख-दुःख का विश्वसनीय चित्रण प्रस्तुत करती हैं । इन कहानियों में आदमी के उस विश्वास की, जो उसे जीवन में चलते रहने की प्रेरणा देता है, जो चित्त को जन्म-मरण और अपने-पराए के प्रश्न से अलग उसकी बेबसी का रहस्य समझने में मदद करता है, अनुगूंज सुनाई देती है।
महासुख की कल्पना करता हुआ व्यक्ति अपने अतीत को कुछ-कुछ सँजोए रखने की कोशिश में निरंतर संघर्षमय रहते हुए भी अपनी सामाजिक व सांस्कृतिक परंपराओं का कारक है। वही मनुष्य इधर-उधर इन कथाओं में प्रकट होता है।
प्रतिष्ठित और लोकप्रिय लेखकों द्वारा रचित डोगरी-कश्मीरी की इन कहानियों के पात्र अपनी जिज्ञासाओं के साथ प्रस्तुत होते हैं तथा अपनी यात्रा की एक मंजिल पाते नजर आते हैं। चाहे वेद राही, पद्मा सचदेव, ओम गोस्वामी, हरिकृष्ण कौल, रतनलाल शांत या अन्य किसी चर्चित लेखक की कहानी हो, जो इस संकलन में शामिल है, पात्रों के अनुभवों और यथार्थों को कथा के स्वभाव के अनुरूप प्रस्तुत करती है तथा इन लेखकों को मोपांसा, चेखव या हेमिंग्वे के समकक्ष खड़ा करती है।

 

The Author

Gauri Shankar Raina

सं. गौरीशंकर रैणा 
5 फरवरी, 1954 को श्रीनगर में जन्म। कश्मीरी-हिंदी लेखक, अनुवादक एवं फिल्मकार। हिंदी में पी-एच.डी., फिल्म टी.वी. संस्थान, पुणे से कार्यक्रम निर्माण तकनीक में प्रशिक्षण; टेलीविजन ट्रेनिंग सेंटर, बर्लिन तथा एशियन मीडिया कम्यूनिकेशन सेंटर, सिंगापुर से टेलीविजन नाटकों के निर्देशन में प्रशिक्षण एवं मास मीडिया में स्नातकोत्तर डिप्लोमा। मौलिक लेखन तथा अनुवाद की लगभग 15 पुस्तकें प्रकाशित, जिनमें प्रमुख हैं- 'एक वही मैं' (लघु नाटक संकलन), ‘पालने का पूत' (कश्मीरी नाटक का हिंदी अनुवाद), 'संचार माध्यम लेखन' (मीडिया), जब उजाला हुआ (कश्मीरी कहानियों का हिंदी अनुवाद)। कहानियाँ, एकांकी, लेख आदि देश के प्रमुख पत्रपत्रिकाओं में प्रकाशित । जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी द्वारा प्रथम अनुवाद पुरस्कार; लोक सेवा प्रसारण पुरस्कार; केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा हिंदीतर भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार; उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा सौहार्द सम्मान सहित कई पुरस्कार-सम्मान प्राप्त। हिंदी में 25 टेलीफिल्म तथा एकल नाटकों का निर्माण एवं निर्देशन । दूरदर्शन के कार्यक्रम 'सबद निरंतर' की 200 कड़ियों का निर्माण-निर्देशन एवं प्रसारण। संप्रति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में सलाहकार।

 

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