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भीमराव रामजी आंबेडकर केवल भारतीय संविधान के निर्माता एवं करोड़ों शोषित-पीडि़त भारतीयों के मसीहा ही नहीं थे, वे अग्रणी समाज-सुधारक, श्रेष्ठ विचारक, तत्त्वचिंतक, अर्थशास्त्री, शिक्षाशास्त्री, पत्रकार, धर्म के ज्ञाता, कानून एवं नीति निर्माता और महान् राष्ट्रभक्त थे। उन्होंने समाज और राष्ट्रजीवन के हर पहलू पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। सामाजिक समता और बंधुता के आधार पर एक नूतन भारत के निर्माण की नींव रखी। उनका व्यक्तित्व एक विराट् सागर और कृतित्व उत्तुंग हिमालय जैसा था।
विगत अनेक वर्षों से वैचारिक अस्पृश्यता और राजनीतिक स्वार्थ के लगातार बढ़ते जा रहे विस्तार ने हमारे जिन राष्ट्रनायकों के बारे में अनेक भ्रांतियुक्त धारणाओं को जनमानस में मजबूत करने का दूषित प्रयत्न किया है, उनमें डॉ. बाबासाहब आंबेडकर प्रमुख हैं। उन्हें किसी जाति या वर्ग विशेष अथवा दल विशेष तक सीमित कर दिए जाने के कारण सामाजिक समता-समरसता ही नहीं, राष्ट्रीय एकता की भी अपूरणीय क्षति हो रही है। इस दृष्टि से चार खंडों में उनका व्यक्तित्व-कृतित्व वर्णित है : खंड एक—‘जीवन दर्शन’, खंड दो—‘व्यक्ति दर्शन’, खंड तीन—‘आयाम दर्शन’ और खंड चार ‘राष्ट्र दर्शन’। डॉ. बाबासाहब भीमराव आंबेडकर को समग्रता में प्रस्तुत करने वाला एक ऐसा अनन्य दस्तावेज है, जो उनके बारे में फैले या फैलाए गए सारे भ्रमों का निवारण करने में तो समर्थ है ही, साथ ही उन्हें एक चरम कोटि के दृष्टापुरुष तथा राष्ट्रनायक के रूप में प्रस्थापित करने में भी पूर्णतः सक्षम है।
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अनुक्रम
अपनी बात —Pgs. 7
1. एक नाम हजार आयाम —Pgs. ऌ—डॉ. कृष्ण गोपाल —Pgs. 17
2. बाबासाहब ने आर्य आक्रमण को नकारा —डॉ. विजय कायत —Pgs. 34
3. बडॉ. बाबासाहब आंबेडकर की जल नीति —रमेश पांडव —Pgs. 44
4. डॉ. आंबेडकर और सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र —नरेंद्र जाधव —Pgs. 50
5. लोकतंत्र के उद्घोषाक —डॉ. संगीत कुमार रागी —Pgs. 59
6. महिला सशक्तीकरण के पक्षधर डॉ. बाबासाहब —अनीता परमार —Pgs. 64
7. आंबेडकर की नजरों में मार्क्सवाद एक ‘बंद व्यवस्था’ —डॉ. युवराज कुमार —Pgs. 71
8. बाबासाहब के विचारों से ही उपजा लैंड सीलिंग एक्ट —मलिंद कांबले —Pgs. 75
9. डॉॅ. आंबेडकर का आर्थिक दर्शन —डॉ. महेश सोनारा —Pgs. 77
10. साम्यवाद पर डॉ. आंबेडकर के दृष्टकोण —डॉ. दिलीप कातरीया —Pgs. 90
11. डॉ. आंबेडकर और आरक्षण व्यवस्था —प्रो. श्रीप्रकाश सिंह —Pgs. 105
12. आज की चुनौतियाँ तब भाँप ली थीं बाबासाहब ने —मलिंद ओक —Pgs. 110
13. जिहादी मानसिकता और बाबासाहब आंबेडकर —किशोर मकवाणा —Pgs. 115
14. पत्रकारिता के प्रकाश स्तंभ —जे.जे. नंदकिशोर —Pgs. 134
15. आज के युवा और बाबासाहब डॉ. आंबेडकर —किशोर मकवाणा —Pgs. 139
16. श्रमकों में जगा स्वाभिमान —पवन कुमार —Pgs. 177
17. बाबासाहब के तीन गुरु बुद्ध, कबीर और फुले —दीपक जेवणे —Pgs. 181
18. जाति व्यवस्था बनाम बाबासाहब और गांधी —प्रवीण गुगनानी —Pgs. 188
19. बाबासाहब के तीन सूत्र —डॉ. सुरेश हावरे —Pgs. 194
20. बाबासाहब के घनिष्ठ सहयोगी —रवींद्र गोले —Pgs. 198
21. वे भारत उत्थान को कभी नहीं भूले... —डॉ. शंकर शरण —Pgs. 203
22. राष्ट्र के समर्पित योद्धा —राकेश सिन्हा —Pgs. 206
23. डॉ. बाबासाहब आंबेडकर और रिडिल्स ऑफ हिंदुइज्म —दत्तोपंत ठेंगड़ी —Pgs. 211
24. श्रेष्ठ राजनेता तैयार करने की योजना —किशोर मकवाणा —Pgs. 218
25. राष्ट्रीय सुरक्षा के सजग प्रहरी —के. कुमार —Pgs. 225
26. राज्य-राष्ट्र निमर्ाण में बाबासाहब की भूमका —नचिकेता कुमार —Pgs. 235
27. एक सांस्कृतिक राष्ट्रवादी विचारक के रूप में —डॉ. शिवाली —Pgs. 256
28. डॉ. आंबेडकर की जानें 7 बातें! —अरविंदन नीलकंदन —Pgs. 267
संदर्भ सूची Pgs. 272
किशोर मकवाणा धरातल के प्रजाजीवन एवं सामाजिक जीवन के अभ्यासी और उसकी समस्याओं के समाधान हेतु सतत चिंतन एवं मंथन करनेवाले वरिष्ठ कर्मठ पत्रकार-लेखक हैं।
ख्यातनाम यूनिवर्सिटी, शिक्षण संस्थाएँ एवं विविध सेमिनारों में विशेषज्ञ के रूप में व्याख्यानों के लिए आमंत्रित। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के करकमलों द्वारा ‘सामाजिक समरसता और भारतीय राष्ट्रवादी पत्रकारिता’ के लिए ‘नचिकेता पुरस्कार’ , नेपाल-इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कॉन्फ्रेंस द्वारा ‘तथागत पुरस्कार’, ‘प्रताप नारायाण मिश्र युवा साहित्यकार पुरस्कार’ एवं गुजरात सरकार द्वारा ‘गुजरात गौरव पुरस्कार’ से सम्मानित।
अभी तक उनकी ‘सामाजिक क्रांति के महानायक डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर’, ‘डॉ. आंबेडकर का विचार-वैभव’, ‘महामानव डॉ. आंबेडकर’, ‘युगपुरुष स्वामी विवेकानंद’, ‘राष्ट्रीय घटनाचक्र’, ‘संत रविदास’, ‘सफलता का मंत्र’, ‘समर नहीं समरसता’, ‘क्रांतिवीर बिरसा मुंडा’ और ‘कॉमन मैन नरेंद्र मोदी’ (चार भाषाओं गुजराती, हिंदी, अंग्रेजी, ओडि़या में) आदि लगभग 35 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। अनेक पुस्तकों का अनुवाद तथा संपादन भी।
गुजराती दैनिक ‘दिव्य भास्कर’ के स्तंभ लेखक। सामाजिक पत्रिका ‘संवेदना समाज’ के प्रकाशक।