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"डॉ. भीमराव आंबेडकर भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार और मानव अधिकारों के पैरोकार थे।
भारत को लेकर डॉ. आंबेडकर की दृष्टि समानता, निष्पक्षता और भाईचारे के सिद्धांतों से संचालित थी। वे जाति व्यवस्था के मुखर आलोचक थे, जिसे वे ऐसा सामाजिक उत्पीड़न मानते थे, जिसने भारत में लाखों लोगों को अज्ञानी व गरीब बनाए रखा। उन्होंने तर्क दिया कि लोकतंत्र और मानव अधिकार तथा जाति व्यवस्था की भेदभाव प्रकृति के कारण इसके विरोधी थे।
डॉ. आंबेडकर का समाज-सुधार का कार्य दलितों से कहीं अधिक विस्तारित था। उनका मानना था कि महिलाओं को भी पुरुषों के समान अवसर एवं अधिकार मिलने चाहिए। वे महिला अधिकारों के मुखर समर्थक थे। वे सामाजिक न्याय के प्रबल पक्षकर व आजीवन शोषित-वंचितों के उन्नयन और उत्थान के लिए कृत संकल्पित रहे।
इस पुस्तक में डॉ. आंबेडकर का व्यक्तिगत और पेशेवर संघर्ष, उनकी न्यायपूर्ण और समान समाज को लेकर दृष्टि तथा भारतीय समुदाय एवं संसार पर उनके स्थायी प्रभाव पर चर्चा शामिल है। पाठकों को इस पुस्तक से डॉ. आंबेडकर, के जीवन और संसार में उनकी सतत प्रासंगिकता का गहन बोध प्राप्त होगा।"
डॉ. अशोक चौधरी भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वे वर्तमान में बिहार सरकार में ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री हैं। पूर्व में बिहार सरकार में शिक्षा, कारा, भवन निर्माण, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण तथा सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री भी रहे। सन् 2000 में पहली बार बिहार के बरबीघा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने और तत्कालीन सरकार के मंत्रिमंडल में कारा राज्यमंत्री बनाए गए।