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"मिसाइल मैन, सर्वश्रेष्ठ लेखक, भारतरत्न, पद्मभूषण और पद्मविभूषण के अलावा दर्जनों अन्य सम्मान । लाखों की संख्या में फॉलोअर्स। अब तक के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति ।
लेकिन नई दिल्ली के सत्ता-केंद्रों की छोटी, अपनी ही दुनिया में, नियम तय करनेवाले नौकरशाहों और उन राजनेताओं के लिए, जिन्हें वे रिपोर्ट करते हैं, यह सब इतना मायने नहीं रखता है। 'डॉ. कलाम : द अनटोल्ड स्टोरी' में वर्ष 1993 से 2015 में उनकी मृत्यु तक, उनके निजी सचिव रहे आर. के. प्रसाद हमें कलाम का ऐसा पहलू दिखाते हैं, जहाँ वे सिद्ध, सफल और उच्च पदों पर भी हमेशा विनम्र रहने के बावजूद असुरक्षित और भोले-भाले दिखते हैं। यह एक ऐसी यात्रा है, जिसका हिस्सा प्रसाद उस समय से ही रहे, जब कलाम रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार से लेकर डी. आर. डी.ओ. प्रमुख थे; फिर प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार तथा अगले कुछ वर्षों तक भारत के राष्ट्रपति ।
यह पुस्तक उच्चतम स्तर के नेताओं सहित राजनेताओं के साथ उनके संबंधों और कुछ विवादों के पीछे की सच्चाई पर नई रोशनी डालती है। इन सबसे बढ़कर यह कलाम को प्रतिकूल परिस्थितियों और निराशा के पलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए दिखाती है, जो स्पष्ट करता है कि वे एक असाधारण व्यक्ति क्यों थे।"