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Drishti Nahin Drishtikon Chahiye   

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Author Rajesh Singh
Features
  • ISBN : 9789386231420
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Rajesh Singh
  • 9789386231420
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2023
  • 160
  • Hard Cover
  • 250 Grams

Description

अनगिनत भारतीयों की तरह ही राजेश सिंह का भी एक सपना था। वह एक आई.ए.एस. अधिकारी बनना चाहते थे। बस एक समस्या थी—वह देख नहीं सकते थे।
यह पुस्तक पटना के एक युवा, राजेश के प्रेरणादायी सफर की कहानी है, जो प्रज्ञाचक्षु है। भारी मुश्किलों से लड़ता हुआ वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में अपनी पूरी ताकत लगा देता है। यह परीक्षा बेहद कठिन और प्रतिस्पर्धात्मक है, लेकिन इसमें सफल होना कई लोगों का सपना भर रह जाता है।
लेकिन अपनी प्रबल इच्छाशक्ति, अदम्य जिजीविषा, कठिन परिश्रम, लगन और साधना ने दिव्यांग उत्साही राजेश को इस दुर्गम प्रतियोगिता में सफल होने का मार्ग प्रशस्त किया।
ऐसी प्रेरक जीवनयात्रा पाठकों के समक्ष इस भाव से प्रस्तुत है कि किसी शारीरिक अक्षमता के बावजूद व्यक्ति फौलादी इरादों के बल पर अपने सपनों को पूरा करने के लक्ष्य को अवश्य प्राप्त कर सकता है।

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अनुक्रम

मेरी बात — Pgs. 7

1. मैं पूरी ताकत से चीखा — Pgs. 11

2. कानून अंधा हो सकता है, न्याय नहीं — Pgs. 14

3. जीवन एक बिस्किट है — Pgs. 23

4. ड्रीम फैटरी — Pgs. 32

5. निवेश — Pgs. 52

6. अनहैप्पी हिल — Pgs. 66

7. पिल्ले बनाम इनसान — Pgs. 88

8. बकरा बाजार — Pgs. 95

9. सौदा — Pgs. 101

10. माता-पिता के एकेडमी में आगमन — Pgs. 109

11. यमुना ब्रिज का भूत — Pgs. 127

12. चारों ओर रोशनी हो — Pgs. 141

उपसंहार — Pgs. 155

 

The Author

Rajesh Singh

राजेश सिंह का जन्म पटना (बिहार) में हुआ। उन्होेंने मॉडल स्कूल, देहरादून, दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन तथा जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से भारतीय इतिहास में एम.ए. किया। उन्होंने तीन बार दृष्टिबाधितों के विश्व कप क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें सन् 2010 के सी.एन.एन. आई.बी.एन. सिटीजन जर्नलिस्ट अवॉर्ड के लिए भी नामित किया गया था।
राजेश ने सन् 2006 में भारतीय सिविल सेवा परीक्षा पास की और वर्तमान में  झारखंड के आई.ए.एस. अधिकारी हैं। 
संपर्क : contactsinghrajesh@gmail.com

 

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