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एलेनोरा की सुंदरता और मासूमियत एक सेराफिम एंजेल की तरह थी, वह एक कुँआरी कन्या थी, जो कृत्रिमता से कोसों दूर थी और फूलों के बीच अपनी छोटी सी निर्दोष जिंदगी गुजार रही थी। उसके भीतर कोई छल-कपट नहीं था, सिर्फ एक गहरा जुनूनी अहसास था, जो सिर्फ दिल से महसूस किया जा सकता था। उसने मुझे अपने दिल की गहराइयों से देखा, जब हम घाटी में रंग-बिरंगी घास पर साथ में चल रहे थे। हमारे इस फैसले से जो बदलाव हुए थे, हम उसके बारे में बात कर रहे थे। उस दिन एक-दूसरे से लिपटे हुए, उसके बारे में लंबी बातचीत करने के दौरान एकबारगी तो उसकी आँखों में आँसू आ गए और वह उदास हो गई कि कहीं यह मानवता के खत्म होने से पहले के आखिरी पल तो नहीं, जो वे बिता रहे थे। वह उस पल केवल उन्हीं दुःख भरी बातों को लेकर बैठ गई, जो हमारी बातों के बीच में बार-बार उन छवियों जैसी उभर रही थी, जैसे कवि शिराज के गीतों के वाक्यांश की हर प्रभावशाली भिन्नता में बार-बार घटित होती थी। —इसी पुस्तक से एडगर एलन पो ने मृत्यु जैसे गूढ़ विषयों पर गहन चिंतन किया और इसे ही अपने लेखन का विषय बनाया। उनकी कहानियाँ मानवीय संबंधों के साथ-साथ कल्पनाओं की उड़ान, अय्यारी तथा जादूगरी की रोचकता से भरी हैं, जो पाठकों को बाँधे रखती हैं