स्वामी विवेकानंद वर्ष 1893 में जापान गए थे। दरअसल, जब वे विश्व धार्मिक सम्मेलन में शिरकत करने शिकागो जा रहे थे तो कुछ अवधि के लिए जापान में रुके थे। उन्होंने जापान के ओसाका, क्योटो और टोक्यो शहरों का भ्रमण किया था। भारत के कई सारे भगवान् जापान में पूजे जाते हैं। भारत में कारों की क्रांति लाने वाला मारुति सुजुकी का संयुक्त उपक्रम, सुभाष चंद्र बोस जैसे महान् क्रांतिकारी के असल मूल्य को जापान ने ही पहचाना व भारत को आज़ाद करवाने के लिए उनको हर संभव सहयोग प्रदान किया। इसके अलावा अन्य क्रांतिकारी रास बिहारी बोस व नायर साहब के बारे में भी इस पुस्तक में है, जिन्होंने टोक्यो में रहते हुए भारत की आज़ादी के लिए बडे़ प्रयास किए।
सन् 1964 में बुलेट टे्रन चली, तब से लेकर 2019 आ गया और आज तक एक भी दुर्घटना नहीं हुई है, जो किसी अजूबे से कम नहीं है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का जापान प्रेम और अब भारत में बुलेट ट्रेन को लाने की क्या तैयारी है, उस पर भी इस पुस्तक में प्रकाश डाला गया है। दिल्ली मेट्रो के दिव्य स्वप्न को धरातल पर उतारने में जापान के सहयोग को भुलाया नहीं जा सकता। मेट्रो मैन डॉक्टर ई श्रीधरन ने भी जापान का दौरा किया था और कई सारी सुविधाओं का जायज़ा लिया था।
अगर आप जापान जाने वाले हैं या कभी जीवन में जाने का लक्ष्य रखते हैं या फिर आप इच्छुक हैं जापान की संस्कृति व कला को जानने के लिए, तो आपको यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए।
4 सितंबर, 1975 को दिल्ली में जन्मे ऋषि राज, भारत सरकार के परिवहन क्षेत्र से जुड़े सार्वजनिक उपक्रम, दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन में संयुक्त महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। वर्ष 1994 में भारतीय रेल में नियुक्ति से भारत भ्रमण की शुरुआत हुई। अभी तक देश के सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर घूम चुके हैं और वैश्विक तौर पर एशिया, ऑस्ट्रेलिया एवं यूरोप के कुल दस देशों का भ्रमण कर चुके हैं। धार्मिक दृष्टि से वो कैलाश मानसरोवर, बारह ज्योतिर्लिंग एवं चारों धाम की यात्रा भी सम्पूर्ण कर चुके हैं।
ऋषि राज ने वर्ष 2012 में कैलाश मानसरोवर की यात्रा के अनुभवों पर आधारित 'कैलाश दर्शन-कुछ यादें, कुछ बातें' से अपने लेखन की शुरुआत की । वर्ष 2015 में उनकी पुस्तक 'अतुल्य भारत की खोज' और फिर वर्ष 2017 में 'देशभक्ति के पावन तीर्थ' प्रकाशित हुई और फिर वर्ष 2019 जापान में बिताए दिनों के अनुभव पर पुस्तक आई ""एक भारतीय की जापान यात्रा""। इन सभी पुस्तकों को भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार से सम्मानित किया ।
दिसंबर 2019 में “50 महान स्वतंत्रता सेनानी” का विमोचन हुआ । वर्ष 2022 में कारगिल युद्ध के शहीदों को समर्पित इनकी पुस्तक ""कारगिल-एक यात्री की ज़ुबानी"" आई है, जिसका लेखन, इन्होने स्वयं दो बार कारगिल की रण भूमि पर जा कर और कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवार वालों से मिलने के बाद किया है, जो इस पुस्तक को कारगिल के विषय पर लिखी अन्य पुस्तकों से अलग करती है ।
वर्ष 2019 में लेखक ने एक नवीन विधा से बच्चों को राष्ट्रिय महत्व की ऐतिहासिक घटनाओं से परिचित करवाने के लिए “चित्रावली” माध्यम को अपनाया, इस कड़ी में सबसे पहले जलियांवाला बाग कांड के 100 वर्ष पूरे होने पर प्रकाशित हुई “सुनो बच्चों जलियांवाला बाग की कहानी” और फिर वर्ष 2022 में कारगिल युद्ध के यौद्धाओं के जीवन गाथा को दर्शाती सात चित्रावलियों का भी लेखन किया । विद्यालयों में इन चित्रावलियों को काफी सराहना मिली है और अब इन सभी चित्रावलियों का अंग्रेज़ी और गुजराती में भी प्रकाशन किया जा रहा है ।
इसके अलावा ऋषि राज अभी तक देशभक्ति व भारत के प्रमुख पर्यटन व ऐतिहासिक स्थलों से जुड़ी करीब 125 लघु फिल्मों का भी निर्माण कर चुके हैं, जो इनके यू ट्यूब चैनल Exploring India with Rishi पर उपलब्ध हैं ।
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