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विश्वजीत की गिरफ्तारी की खबर डॉ. मधुकर आचार्य के ऊपर कहर बनकर गिरी थी, जिन्होंने अपने रिश्तेदारों और नजदीकियों को अपनी बेटी की सगाई में शामिल होने के लिए 15 जून को सोलंग वैली आने का आमंत्रणपत्र भेजा था। आज प्राचार्य जीसस ऐंड मेरी मेडिकल कॉलेज उर्फ उन्हें ही 10 जून को अपने होने वाले दामाद विश्वजीत के केस में गवाही के लिए दिल्ली आने का सम्मन प्राप्त हुआ था।
पत्र में स्पष्ट किया गया था कि उनके फाइनल ईयर का छात्र विश्वजीत दूसरे लड़के के स्थान पर मेडिकल जाँच परीक्षा लिखते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था और आई.पी.सी. की धारा 149 एवं 150 के तहत दिल्ली के सी.जी.एम. कोर्ट में उसके विरुद्ध मुकदमा दायर किया गया है। उसने पुलिस के समक्ष अपना जुर्म कुबूल किया था और कोर्ट जानना चाहता था कि कॉलेज प्रशासन को उसके चरित्र व पूर्व आपराधिक इतिहास के बारे में क्या ज्ञात था तथा इस गंभीर अपराध की खबर के उपरांत मेडिकल कॉलेज द्वारा उस पर कोई काररवाई की गई थी या नहीं ?
चाह कर भी डॉ. मधुकर इस बात को स्वाति से छिपा नहीं पाए थे। उल्टा केस पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए उन्हें जब बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग हेतु औपचारिक चिट्ठी बनानी पड़ी थी, तो पूरे कॉलेज में यह खबर आग की तरह फैल गई थी।