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Ek DM Ki Diary   

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Author Mohan Lal Roy
Features
  • ISBN : 9789380839509
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
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  • Kindle Store

More Information

  • Mohan Lal Roy
  • 9789380839509
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2016
  • 240
  • Hard Cover

Description

प्रस्तुत पुस्तक में एक सफल व्यक्ति की प्रकृति तथा क्षेत्रीय स्तर पर सरकारी व्यवस्थाओं पर रोशनी डाली गई है। इसमें कतिपय रोमांचकारी घटनाएँ हैं, कई दिलचस्प वारदातें हैं और कई रोचक दृष्टांत भी, जो आम और खास पाठकों को आकर्षित कर सकते हैं। वे लोग और वे अफसाने अनदेखी के लायक नहीं हैं।
इन घटनाओं के दृष्टांत सरकार और उच्चाधिकारियों के लिए आँकड़ों के रूप में उपयोगी होंगे, जिससे सार-तत्त्व निकालकर वे अपने अनुदेशों में डालकर कार्यपालकों, दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को उपयोगी दिशा-निर्देश परिचालित कर सकते हैं। जिन अधिकारियों के कंधों पर विधि-व्यवस्था का दायित्व सौंपा जाता है, उनके लिए इन घटनाओं के दृष्टांत सोपान के रूप में उपयोगी हो सकते हैं। लेखक का अनुभव और विश्वास है कि विधि-व्यवस्था के कर्तव्य-निर्वाह में यह पुस्तक सहायक सिद्ध होगी—यदि ध्यान से पढ़ा जाए एवं तदनुसार अमल किया जाए। अतीत की अवघट घटनाएँ सुनहरे भविष्य की प्रेरणास्रोत होती हैं।
आम पाठकों के लिए यह पुस्तक सामाजिक सद्भाव और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का रास्ता दिखलानेवाली है। कतिपय बातें रोमांचक घटनाओं से परिपूर्ण हैं। अस्तु, पढ़ने-सुनने में मनोरंजक भी लगेंगी।

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अनुक्रम

‘एक D.M. की डायरी’—एक बहुआयामी बहुद्देशीय पुस्तक — Pgs. 5

संदेश — Pgs. 7

‘एक D.M. की डायरी’ विधि-व्यवस्था से संबंधित रोचक कथा-संग्रह — Pgs. 9

प्राकथन — Pgs. 11

1. विधि-व्यवस्था के गुर — Pgs. 17

2. लाश की तलाश — Pgs. 22

3. शिक्षक संघ का सामना — Pgs. 29

4. बकुनिया गोलीकांड — Pgs. 37

5. बेला-पोहद्दी का हिंदू-मुसलिम दंगा — Pgs. 44

6. रोषपूर्ण प्रदर्शन — Pgs. 55

7. केरोसिन तेल का विशिष्ट गुरुत्व — Pgs. 60

8. राजस्व वसूली शिविर में हड़कंप — Pgs. 68

9. बैंक मैनेजर पर हमला — Pgs. 75

10. डायन और ओझा का झगड़ा — Pgs. 83

11. गलमा (झा बनाम मिश्र) — Pgs. 90

12. लक्ष्मीपुर-वरदीपुर-फसल लूट — Pgs. 97

13. गोड़ामानसिंह बनाम अखतवाड़ा — Pgs. 105

14. चांडिल पंचायत-भवन — Pgs. 111

15. राष्ट्रीय उच्च पथ जाम करने की घोषणा — Pgs. 118

16. विजय कपूर और छात्रों का हंगामा — Pgs. 121

17. आवासीय विद्यालय चेंगजोड़ा — Pgs. 124

18. इंदिरा गांधी की हत्या की घाटशिला में प्रतिक्रिया — Pgs. 133

19. नासमझ — Pgs. 136

20. नया भरगाँवा गोलीकांड — Pgs. 140

21. अररिया जिला में संथाल समस्या — Pgs. 145

22. संथाल की झोंपड़ी पर जुलूस का हमला — Pgs. 148

23. इज्तमा — Pgs. 151

24. बाबरी-मसजिद विभंजन की गया में प्रतिक्रिया — Pgs. 155

25. बुनियादगंज थाने का घेराव — Pgs. 159

26. महामहिम श्री प्रेमदासा, श्रीलंका के राष्ट्रपति की बोध गया में सुरक्षा-व्यवस्था — Pgs. 164

27. लाश की राजनीति — Pgs. 167

28. MCC और लालखंडियों की अपील पर गया में रैली — Pgs. 173

29. रेल पटरी पर लाश — Pgs. 176

30. प्रतिमा विसर्जन — Pgs. 181

31. खौफनाक सन्नाटा — Pgs. 184

32. पहाड़पुर मुठभेड़ — Pgs. 187

33. दलित डीलर की हत्या — Pgs. 189

34. घटना रहित बड़ी घटना — Pgs. 192

35. सोनडीहा बनाम भीम नगर — Pgs. 195

36. मोहनपुर प्रखंड में पंचायतों का चुनाव-2001 — Pgs. 199

37. गया नगर निगम चुनाव-2002 — Pgs. 202

38. मतदान कार्य बहिष्कार — Pgs. 208

39. गुरुजी की जेल यात्रा — Pgs. 212

40. न्यूनतम मजदूरी लागू करो! — Pgs. 217

41. पोठी की यात्रा — Pgs. 220

42. नेतरहाट फील्ड फाइरिंग रेंज — Pgs. 224

43. कुरकुड़ा नरसंहार — Pgs. 227

44. टेंटो पोशी में तनाव — Pgs. 231

45. आयडा की भूमि का अतिक्रमण-कारूडीह — Pgs. 234

46. नगर निकाय चुनाव—2008 — Pgs. 237

The Author

Mohan Lal Roy

जन्म :5 अगस्त, 1948 को चंपारण (बिहार) के एक गाँव में।

शिक्षा :विज्ञान महाविद्यालय, पटना से।

कृतित्व :प्रशासनिक सेवा के अनेक स्तरों पर अनेक स्थानों पर, अनेक विभागों में सेवा कर अनेक रूपों में संव्यवहार करते हुए अपार अनुभव अर्जित किया।

प्रकाशन : ‘मकई के तीन बाल’, ‘कौशल्या’, ‘मछली का शिकार’, ‘तीसरी मुलाकात’, ‘तीन मुलाकातें’, ‘बुढ़ापे की शादी’, ‘सातवीं शादी’, ‘अनोखी शादी’, ‘लाठी कुँअर’, ‘स्वामीजी’, ‘जुएरी’, ‘भगमतिया’, ‘एक अनार तीन बीमार’, ‘जलपरी’, ‘विदनी’, ‘शुगिया’, ‘फरियादी’, ‘शुभकला’, ‘अधन्नी’, ‘अठन्नी’, ‘रामपति सिंह’, ‘रूपनारायण’, ‘चतुर्भुज’, ‘चोर’, ‘नयनी’, ‘भूख और आम’, ‘प्यार और दुनियादारी’, ‘कसक’ आदि रचनाएँ प्रकाशित होकर बहुप्रशंसित। एक सौ से अधिक लघुकथाएँ तथा कुछ कविताएँ भी प्रकाशित। मासिक पत्रिका ‘झारखंड प्रदीप’ में नियमित व्यंग्य-लेख एवं समाचार-पत्रों में लेख आदि प्रकाशित।

सेवा-निवृत्ति के बाद झारखंड उच्च न्यायालय में अधिवक्ता तथा 2009 में राज्य उपभोक्ता आयोग के सदस्य बने।

 

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