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Ek Kadam Hazar Afsane   

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Author Partha Sarthi Sen Sharma
Features
  • ISBN : 9789352660490
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1
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  • Kindle Store

More Information

  • Partha Sarthi Sen Sharma
  • 9789352660490
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1
  • 2017
  • 192
  • Hard Cover

Description

दुनिया के सभी बड़े शहरों के व्यक्तित्व में कई पहलू होते हैं और वे केवल उसी पहलू को प्रकट करते हैं, जिन्हें एक दर्शक या यात्री देखना चाहता है। इक्कीसवीं सदी में यात्रा करने का अर्थ सिर्फ चेक-इन करना, सेल्फीज पोस्ट करना या हैशटैग्स के साथ स्टेटस मैसेज लिखना नहीं है। आज इसका अर्थ है—उन स्थानों पर जाना, जिनके बारे में आपने सिर्फ पढ़ा होता है, फिल्मों में देखा होता है या सुना होता है; किसी लैंडमार्क (सीमा चिह्न) पर खड़े होकर कुछ असाधारण महसूस करना, पुरानी यादों को ताजा करना और कुछ नई यादें बनाना।
‘एक कदम हजार अफसाने’ सिर्फ स्मारकों और परिदृश्यों के बारे में एक यात्रा-वृत्तांत ही नहीं है। यह सिर्फ लंदन, पेरिस और रोम जैसे प्रसिद्ध शहरों के बारे में नहीं है, बल्कि अंग्रेजी ग्रामीण इलाके के किसी गाँव की सड़क पर अकेले टहलने के बारे में, गंगा में एक शांत नौका-विहार और अनजान गंतव्यों तक की लंबी ट्रेन-यात्राओं के बारे में भी है। यह बार्सिलोना के एक कैफे में कॉफी की चुस्की लेने के साथ-साथ भारत के किसी दूर-दराज के भूले-बिसरे रेलवे स्टेशन पर कुल्हड़ में चाय का मजा लेने के बारे में भी है। 
पार्थ सारथी सेन शर्मा ने दुनिया भर में और साथ ही अपनी मातृभूमि में यात्रा करते हुए सभी घटनाओं, विचारों, स्मृतियों, संस्मरणों और भावनाओं का एक जटिल केलिडोस्कोप तैयार किया है, जो अंततः शब्दों में क्रिस्टलीकृत होकर विभिन्न स्थानों का एक अद्वितीय परिप्रेक्ष्य देता है—ब्रिटेन, कॉण्टिनेंटल यूरोप, तुर्की, मोरक्को और बेशक भारत के।

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अनुक्रम

लेखकीय — Pg. 7

आभार — Pg. 11

भाग-1 ब्रिटेन में एक बंगाली

1. लंदन डायरीज : लूम्सबरी — Pg. 19

2. ट्रैफलगर स्वायर पर दीवाली  — Pg. 22

3. प्राइम मेरीडियन के पार ग्रीनविच में — Pg. 24

4. लंदन में नेल्सन मंडेला की स्मृति — Pg. 27

5. लॉर्ड मेयर का शो — Pg. 30

6. एक भारतीय क्रांतिकारी के नशे-कदम पर — Pg. 34

7. रोआल्ड डाह्ल के साथ सैर — Pg. 37

8. कवि रॉबर्ट बर्न्स और उनके सार्वभौमिक मानवतावाद की स्मृति — Pg. 39

9. लंदन में महात्मा गांधी से आमना-सामना  — Pg. 41

10. लंदन में वसंत की खिली धूप में एक सप्ताहांत — Pg. 45

11. लंदन में लानऊ से मुलाकात — Pg. 48

12. ब्रिस्टल! ब्रिस्टल! — Pg. 50

13. विलियम वर्ड्सवर्थ के पदचिह्नों पर — Pg. 56

14. ब्राइटन में एक उजला दिन — Pg. 60

15. सीमा पार वेल्स में — Pg. 63

16. इंग्लिश चैनल के पार हॉवरक्राट पर — Pg. 66

17. लंदन के संग्रहालय एवं दीर्घाएँ (कला) 69

18. विंडरमियर झील के तट पर  — Pg. 73

19. सेंट आइव्स के लिए ब्रांच लाइन — Pg. 79

20. लंदन के चर्च — Pg. 82

21. ‘सीमा’ के पार स्कॉटलैंड में  — Pg. 86

भाग-2 महाद्वीप के आर-पार

22. सभी सड़कें रोम जाती हैं  — Pg. 93

23. जिनेवा झील के किनारे — Pg. 97

24. ग्राज, ऑस्ट्रिया में एक शाम  — Pg. 100

25. स्पेन : बार्सिलोना और कैटालोनिया — Pg. 105

26. थेम्स से सीन तक — Pg. 109

27. डी.डी.एल.जे. के देश में  — Pg. 112

28. ल्योन : फ्रांस की गैस्ट्रोनॉमिकल राजधानी  — Pg. 115

29. पीसा की गिरावट, पतन और उत्थान — Pg. 119

30. दुनिया का सबसे सुंदर शहर — Pg. 123

31. टस्कन के असली सूरज के नीचे  — Pg. 127

32. स्विस आल्प्स पर — Pg. 132

भाग-3 स्ट्रेट्स के पार

33. मोरको की यादें : कासालांका में अटलांटिक की दहाड़  — Pg. 139

34. मोरको की यादें : फेज का शाही शहर — Pg. 142

35. मोरको की यादें : रबात, राजधानी — Pg. 146

36. टर्किश डिलाइट एक और एकमात्र हागिया सोफिया — Pg. 149

37. अलेजेंडर से अतातुर्क तक — Pg. 153

38.  इस्तांबुल की मसजिदें और मीनारें — Pg. 157

39. इस्तांबुल की गलियाँ — Pg. 161

भाग-4 भारत में एक भारतीय

40. विरासत और इतिहास के साथ कुछ कदम — Pg. 167

41. कतरनिया घाट जहाँ दुर्लभ चीजें आम हैं — Pg. 169

42. नवाबगंज, लहराते कमल और एक कप गरम चाय — Pg. 172

43. अज्ञात स्थानों की अंतहीन ट्रेन-यात्राओं की स्मृति — Pg. 174

44. धीरे-धीरे गंगा से नीचे डालमऊ से कालाकाँकर तक  — Pg. 176

45. नैनीताल की आखिरी ट्रेन — Pg. 178

46. वह लखनऊ, जिससे मुझे प्यार है — Pg. 182

47. ताज महल, पूरे चाँद की रात को — Pg. 184

48. लखनऊ की सर्दियाँ — Pg. 186

49. मॉनसून का इंतजार — Pg. 188

50. स्थानों और लेखकों की बात, दोनों एक-दूसरे को बनाते हैं — Pg. 190

 

The Author

Partha Sarthi Sen Sharma

दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक पार्थ सारथी सेन शर्मा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और इस समय लखनऊ में स्थित हैं। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, डिस्कवर इंडिया, स्वागत, रेल बंधु और अन्य प्रतिष्ठित पत्रिकाओं के लिए कई लेख लिखे हैं, जिनमें से अधिकांश यात्रा संबंधी हैं। वर्ष 2011 में उनका एक यात्रा-वृत्तांत ‘अ पैसेज अक्रॉस यूरोप’ प्रकाशित हुआ। अपने काम और लिखने के शौक के अलावा वे अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। वे खेलकूद में रुचि रखते हैं और साथ ही यात्रा करने तथा पुस्तकें पढ़ने के अत्यधिक शौकीन हैं।

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