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Ek Samvedansheel Rajneta : Shanta Kumar

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Author Sushil Kumar Phull
Features
  • ISBN : 9788177212242
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Sushil Kumar Phull
  • 9788177212242
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2013
  • 224
  • Hard Cover
  • 455 Grams

Description

वस्तुतः हम जीवनी लिखने के लिए तभी प्रेरित होते हैं, जब हम किसी महापुरुष या भीड़ में अलग दिखाई देने वाले किसी ऐसे व्यक्‍तित्व से प्रभावित होते हैं, जिसमें आदर्श गुण झलकते हैं, जो जन-कल्याण में प्रवृत्त होता है, जो दूरदृष्‍टा एवं युगसृष्‍टा होता है, जो स्वार्थ से कहीं ऊपर होता है।
महापुरुष भी हाड़-मांस के पुतले होते हैं। अतः उनके व्यक्‍तित्व में भी गुण-दोष विद्यमान रहते हैं, परंतु उनकी सदाशयता, उनका परमार्थ, उनका प्राणपन से समाज कल्याण, राष्‍ट्रहित में आजीवन समर्पित हो जाना उन्हें महान् बनाता है। शान्ता कुमार भी एक ऐसा ही विलक्षण व्यक्‍तित्व है, जो भीड़ में अलग दिखाई देता है, दिव्य एवं अन्य रश्मियों से मंडित है।
सृजक शान्ता कुमार राजनीति में भी मानवीय संवेदनाओं का संवाहक है...तभी तो वह बार-बार ‘पृथु’ को याद करता है, ‘अंत्योदय’ शब्द का उल्लेख होने पर ही वह भाव-विह्वल हो जाता है। शान्ता कुमार एक धीर-गंभीर राजनेता तथा आदर्शोन्मुखी यथार्थवादी लेखक हैं। निरंतर सृजन में तल्लीन होना उपन्यास, कहानी, कविता, जीवनी लेखन, निबंध, संस्मरण विधाओं में पुस्तकों का प्रकाशन उनकी लेखकीय जिजीविषा का प्रमाण है। समाज में महिलाओं की समस्याएँ...घर-परिवार, सैनिकों की विधवाएँ, रोजगार, वृद्धों की कठिनाइयों, व्यावहारिक सरोकार अनेक पक्षों से वह जन-जीवन को अपनी रचनाओं में उतारते हैं।
एक संवेदनशील राजनेता का जिंदगीनामा है यह पुस्तक।

The Author

Sushil Kumar Phull

जन्म : 15 अगस्त, 1941
शिक्षा : एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी) तथा पी-एच.डी. (हिंदी)।
कृतित्व : वरिष्‍ठ कथाकार, साहित्येतिहासकार, आलोचक के रूप में हिंदी जगत् में समादृत। हिंदी एवं अंग्रेजी में लेखन। भारत की प्रमुख हिंदी-अंग्रेजी पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। अनेक पुस्तकें संपादित। त्रैमासिक पत्रिका ‘रचना’ का दो दशकों तक संपादन।
सम्मान-पुरस्कार : ‘हारे हुए लोग’ उपन्यास के लिए हि.प्र. का सर्वोच्च साहित्य सम्मान; ‘मिट्टी की गंध’ उपन्यास पर हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी का पुरस्कार; ‘यूँ सिंह लापता है’ कहानी-संग्रह के लिए अकादमी पुरस्कार; ‘मेमना’ कहानी पर अखिल भारतीय पुरस्कार; ‘हीरो की वापसी’ कहानी पर भास्कर रचना पर्व पुरस्कार, ‘यशपाल सम्मान’, हिमोत्कर्षक श्रेष्‍ठ राज्य पुरस्कार, हिम केसरी, पंकस अकादमी, जालंधर का सम्मान, पंजाब कला साहित्य अकादमी, लुधियाना का सम्मान, ‘शिखर सम्मान’ आदि।
संप्रति : सेवानिवृत्ति के बाद स्वतंत्र लेखन।

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