₹250
ओ.पी. मुंजाल 1986 से दुनिया में साइकिल की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी हीरो साइकिल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं। वह प्रथम पीढ़ी के एक ऐसे उद्यमी हैं, जिन्होंने शून्य से अपना व्यवसाय शुरू किया। अपनी स्कूली शिक्षा के बाद वे पारिवारिक व्यापार में शामिल हो गए और साइकिल के विभिन्न कल-पुरजोंके निर्माण के लिए एक इकाई स्थापित करने में तत्काल महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो कि वर्तमान ‘हीरो’ उद्यम की नींव भी बनी।
पंजाब सरकार के राजकीय कोष में अधिकतम टैक्स जमा करने का श्रेय उन्हें जाता है। राज्य के विकास में अप्रतिम योगदान करने के लिए उन्हें ‘सम्मान-पत्र’ से विभूषित किया जा चुका है। सामाजिक और औद्योगिक क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए देश की अनेक संस्थाओं द्वारा
उन्हें विशिष्ट पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
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अनुक्रम
आभार — Pgs. 5
लेखकीय कथन — Pgs. 7
प्रियंका मल्होत्रा : इस पुस्तक की प्रेरणा — Pgs. 11
विशेष आभार — Pgs. 13
भूमिका — Pgs. 15
यह पुस्तक क्यों — Pgs. 19
सफर की शुरुआत — Pgs. 29
उन्हीं के शब्दों में उनका परिचय — Pgs. 33
1. मजबूत पेड़ के लिए मजबूत जड़ें आवश्यक होती हैं — Pgs. 39
2. शुरुआती दिन — Pgs. 41
3. ओमप्रकाश के हीरो — Pgs. 43
4. बचपन का जुनून — Pgs. 45
5. खुशहाल दांपत्य जीवन — Pgs. 47
6. स्कूली शिक्षा से आगे — Pgs. 53
7. जिम्मेदारी की शक्ति — Pgs. 55
8. मुंजाल बंधु : हीरो परिवार — Pgs. 57
9. अपेक्षाओं पर खरे उतरना — Pgs. 60
10. चुनौतियाँ भी जिंदगी का प्रमुख भाग हैं — Pgs. 62
11. हर चुनौती पर विजय — Pgs. 68
12. जब जिंदगी आपको गिरा दे, फिर उठ खड़े होइए — Pgs. 71
13. नई संभावनाओं की खोज — Pgs. 73
14. अवसर लाभ उठाने के लिए ही होते हैं — Pgs. 75
15. एक स्वप्नद्रष्टा का अस्त्र अनुशासन ही होता है — Pgs. 77
16. मकान नंबर 26 के दो वॉशबेसिन — Pgs. 80
17. भीड़ से अलग होकर पहचान बनिए — Pgs. 83
18. अपनी टीम ही असली संपदा है — Pgs. 86
19. शिखर पर अकेलापन — Pgs. 89
20. उपयोगी कामों की दक्षता — Pgs. 93
21. समानता से ही एकता आती है — Pgs. 97
22. सरलता में ही सफलता छिपी है — Pgs. 100
23. विस्तार ही सुरक्षित भविष्य का सार है — Pgs. 102
24. लोगों से नहीं, अपने अतीत से प्रतिस्पर्धा कीजिए — Pgs. 104
25. सहयोगियों के सपनों की आशा — Pgs. 107
26. ग्राहक को कभी हताश न करें — Pgs. 110
27. हर काम ठीक समय पर — Pgs. 113
28. पुरस्कारों की परंपरा — Pgs. 115
29. अपनी टीम को कभी हताश न करें — Pgs. 117
30. उनका कहना ही काफी है — Pgs. 119
31. कुशल लीडर तैयार करें और अपना मार्ग तलाशने दें — Pgs. 120
32. हर नया दिन नई-नई संभावनाओं का दिन है — Pgs. 123
33. न दैन्यं, न पलायनम् — Pgs. 124
34. अनुशासन ही टिकाऊ सफलता की कुंजी है — Pgs. 126
35. सादा जीवन, उच्च विचार — Pgs. 128
36. समापन सुखद हो — Pgs. 131
37. समस्याओं में भी मुसकराते रहें — Pgs. 133
38. डीलरों के हीरो — Pgs. 135
39. कार्य ही पूजा है — Pgs. 138
मुंजाल परिवार को धन्यवाद — Pgs. 141
पुरस्कार और सम्मान — Pgs. 143
प्रिया कुमार एक बेस्टसैलिंग पुस्तक की लेखिका और प्रेरक वक्ता हैं तथा ‘प्रिया कुमार ट्रेनिंग सिस्टम्स’ की सी.ई.ओ. हैं। प्रमुख समाचार-पत्रों के लिए नियमित स्तंभ लेखन के साथ-साथ मोटीवेशन व प्रदर्शन-सुधार पर अनेक रेडियो और टीवी शो करती हैं।
उनकी पहली पुस्तक ‘आई एम अनॅदर यू’ ने शानदार सफलता पाई थी और अब यह पुस्तक बेस्टसैलर बनी हुई है। उनकी दूसरी पुस्तक ‘लाइसेंस टु लिव’ को सन् 2012 में प्रतिष्ठित ‘एरिक हॉफर बुक अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया।
मोटीवेशनल ट्रेनर के रूप में प्रिया कुमार की अत्यधिक माँग रहती है। वे अपरंपरागत तरीकों से प्रशिक्षण देकर व्यक्ति की छिपी शक्तियों को जाग्रत् कर उसका चहुँमुखी विकास करने में दक्ष हैं।