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Ek Thi Mitthu Ki Jassi    

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Author Jupinderjit Singh
Features
  • ISBN : 9789394871519
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Jupinderjit Singh
  • 9789394871519
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2024
  • 136
  • Soft Cover
  • 150 Grams

Description

"शायद उन पत्थरदिल सीनों को भी यह कहानी छू सकेगी, कह पाना मुश्किल है। जिन दरिंदों ने अपनी फूल-सी बेटी को मारने से पहले हत्यारों को उसकी अस्मत तक लूटने के आदेश दिए हों, उनसे भला दया, तरस या पश्चात्ताप की उम्मीद कैसे की जा सकती है? माँ की क्रूरता की हजारों कहानियाँ इतिहास में दर्ज हैं। इस कहानी के खलनायक सुरजीत बदेशा और खलनायिका मलकीत कौर ने समूची मानवता को शर्मसार किया है।

जो दरिंदा अपनी सगी भानजी की अस्मत और जिंदगी का सौदा करवा सकता है, उसके लिए किसी गैर की जिंदगी की हैसियत ही क्या हो सकती है? अपने जिगर के टुकड़े को अपने खून से सींचने वाली एक माँ अगर अपनी कोख को ही उजाड़ सकती है, तो किसी और की खुशियाँ उसके लिए क्या मायने रखती हैं?

कानून की हिफाजत करने वाला ही सब-इंस्पेक्टर जोगिंदर सिंह जैसा पुलिस वाला जब किसी बेसहारा अबला का खून करवा सकता है, तो पुलिस की वरदी पर कोई भरोसा कैसे कर सकता है? यह कहानी सिर्फ दो देशों के चरमराते न्यायिक सिस्टम की पोल खोलने के लिए ही नहीं है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र संगठन, यानी यूएनओ की आँखें खोलने के लिए भी है। आखिर कहाँ हैं संसार के मानवाधिकारों के पैरोकार? कहाँ है उनकी मानवतावादी सोच? सोचना आप-हम सभी को है।"

The Author

Jupinderjit Singh

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