₹200
अंधकार में इक दीप जलाया
झिलमिल करता दीप जलाया
आशाओं का नवरूप जगाया
स्वप्नों का झिलमिल रूप सजाया
मन के कुछ अँधियारे कोने
कुछ काले कुछ बेरंग कोने
साँझ की थकी धूप अनमनी
तरुण चाँद की दुग्ध चाँदनी
सबकी थोड़ी आभा चुराकर
छोटी सी इक दुआ मिलाकर
मन की हर भय शंका हरकर
विश्वास की स्नेहिल बाती भरकर
साँझ से ही प्रतीक्षा की मोहक लौ संग
मन के विस्मृत प्रिय संसार सार संग
जग का हर दर्द कुछ-कुछ भूला सा
रात्रि के अँधियारे में खोया-खोया सा
जीवन की हर धूप-छाँव संचित पौ बन
अस्थिर सुख-दुःख की कंपित लौ बन
रात्रि की कालिमा में सबल उजास बन
सदा रहे जगमग दीप लघु खद्योत बन!!
—इसी पुस्तक से
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अनुक्रम | |
हृदयोद्गार — Pgs. 7 | 45. छाँव और धूप — Pgs. 93 |
1. न भूलूँ — Pgs. 15 | 46. जगमग दीप — Pgs. 94 |
2. नहीं कोई अकेला — Pgs. 16 | 47. तिनका-तिनका — Pgs. 95 |
3. आशाएँ — Pgs. 18 | 48. करता है मन — Pgs. 96 |
4. अपूर्ण से पूर्ण को — Pgs. 20 | 49. तू आता था — Pgs. 98 |
5. वह पंछी सिरफिरा — Pgs. 22 | 50. भाग्य — Pgs. 100 |
6. कुछ-न-कुछ तो कहता है — Pgs. 24 | 51. भूल गए क्यों — Pgs. 101 |
7. ये तो सबका सच है — Pgs. 26 | 52. प्रियतम — Pgs. 102 |
8. कर्तव्यों की इतिश्री — Pgs. 28 | 53. मिलन तेरा — Pgs. 104 |
9. तुम चलो — Pgs. 30 | 54. लोग क्या कहेंगे — Pgs. 105 |
10. धर्म हार गया — Pgs. 32 | 55. वेदना — Pgs. 106 |
11. अनुगूँज — Pgs. 34 | 56. मिल न सके हम — Pgs. 107 |
12. शब्दों को दोष न दो — Pgs. 37 | 57. बालश्रम — Pgs. 109 |
13. एक लड़ाई अन्तर्मन की — Pgs. 39 | 58. बड़ी हो गई — Pgs. 111 |
14. भावप्रवण आँखें — Pgs. 41 | 59. अफवाहें — Pgs. 112 |
15. इक लड़ी है — Pgs. 43 | 60. मेरा आँगन — Pgs. 114 |
16. शब्दों में छुपा मौन — Pgs. 45 | 61. शिशु — Pgs. 116 |
17. समय बदल रहा — Pgs. 46 | 62. लड़कियाँ — Pgs. 117 |
18. वही बनने दो — Pgs. 48 | 63. रेल की पटरी — Pgs. 119 |
19. फर्क नहीं पड़ता — Pgs. 49 | 64. वह दोषी है — Pgs. 121 |
20. धूप का एक टुकड़ा — Pgs. 51 | 65. मत भूल जाना — Pgs. 123 |
21. पता नहीं — Pgs. 53 | 66. मन का पंछी — Pgs. 125 |
22. मत भगवान बनाओ — Pgs. 55 | 67. जीना सीख लो — Pgs. 127 |
23. प्राण पावन — Pgs. 57 | 68. एक पत्ती — Pgs. 129 |
24. सुबह अबोली सर्दी की — Pgs. 59 | 69. ऋतुराज वसंत — Pgs. 130 |
25. नव वर्ष — Pgs. 61 | 70. एक किरण — Pgs. 132 |
26. मृत्यु — Pgs. 62 | 71. मूक चीत्कार — Pgs. 133 |
27. दीप जगाएँ — Pgs. 64 | 72. एक प्रातः — Pgs. 135 |
28. समझ — Pgs. 66 | 73. शिशु पौधा — Pgs. 137 |
29. वह तलाश है — Pgs. 68 | 74. एक बूँद — Pgs. 140 |
30. बनते-बिगड़ते घर — Pgs. 69 | 75. अस्ताचल के रवि — Pgs. 141 |
31. मेरी परछाईं — Pgs. 71 | 76. प्रभुरूप — Pgs. 143 |
32. ज्वाला या अंगार बनना — Pgs. 73 | 77. पर तुम मुझसे दूर नहीं — Pgs. 144 |
33. अंतरात्मा — Pgs. 74 | 78. ऋतु ग्रीष्म सुनो — Pgs. 145 |
34. बहाने — Pgs. 75 | 79. पथ की पगडंडी — Pgs. 147 |
35. यूँ जीते गए — Pgs. 77 | 80. सृजन — Pgs. 149 |
36. स्पर्श — Pgs. 78 | 81. सागर — Pgs. 151 |
37. मोड़ पर हम भी आ पहुँचे — Pgs. 79 | 82. धरा-गगन — Pgs. 153 |
38. यादों सा कुछ भूल गया — Pgs. 81 | 83. बरसो बदरा — Pgs. 155 |
39. दरवाजे — Pgs. 83 | 84. नदी तुम पूज्य हो — Pgs. 157 |
40. मंदिर-मस्जिद — Pgs. 85 | 85. जी लेने दो — Pgs. 159 |
41. निंदा-प्रशंसा — Pgs. 87 | 86. कितने-कितने सवाल — Pgs. 160 |
42. हम-तुम — Pgs. 89 | 87. ये कैसे विश्वास कर लें — Pgs. 162 |
43. सूरत और सीरत — Pgs. 90 | 88. क्षणिकाएँ — Pgs. 164 |
44. सच — Pgs. 92 |
जन्म :1.10.1975
शिक्षा :एम.ए. (संस्कृत), इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद।
कार्यक्षेत्र :भारतीय राजस्व सेवा, ढ्ढक्त्रस् (आयकर)।
कृतित्व :काव्य-संग्रह ‘अनुभूति’ प्रकाशित।
संप्रति :भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक, नई दिल्ली में निदेशक (प्रत्यक्ष कर) के पद पर कार्यरत।
इ-मेल : sarita.kumari.irs@gmail.com