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सरदार वल्लभभाई पटेल को पहले से जानता था। जब वह भारतीय संविधान परिषद् के सदस्य थे तो मेरा उनसे परिचय बढ़ गया। वहाँ दिए हुए उनके भाषणों को मुझे अच्छी तरह स्मरण है। उनकी वाणी राष्ट्र की आवाज होती थी, जिसके संबंध में न तो कोई अशुद्धि कर सकता था और न भ्रांति हो सकती थी।
जब वह बंबई के बिड़ला भवन में स्वास्थ्य लाभ कर रहे थे तो मुझे स्मरण है कि मैं सोवियत संघ जाते समय उनसे विदा लेने गया था। उन्होंने मुझे चेतावनी दी थी कि यह कार्य बड़े-बड़े प्रसिद्ध व्यक्तियों को असफलता दे चुका है, किंतु साथ ही उन्होंने यह भी कहा, ‘‘जहाँ अन्य व्यक्ति असफल हो चुके हैं, वहाँ आप सफल होंगे।’’ वास्तव में सरदार के उक्त शब्द मास्को में मेरे राजदूत काल भर मेरी स्मृति में रहे। मैं आपको यह बतला रहा हूँ कि वह किस प्रकार परिस्थिति के निर्णायक, भावी रूप के विधाता तथा सुदूर भविष्य को ठीक-ठीक देख लेने की क्षमता रखते थे। जब तक वर्तमान भारत जीवित है, उनका नाम वर्तमान भारत के ऐसे राष्ट्र-निर्माता के रूप में सदा स्मरण किया जाता रहेगा, जिन्होंने 600 भारतीय देशी राज्यों का एकमात्र संघ बनाया। उनका यह कार्य हमारे देश के एकीकरण की दिशा में अत्यधिक स्थायी कार्य था। इस विषय में उनके कार्य को हम कभी नहीं भूल सकते। जैसा कि मैंने कहा है, जब तक भारत जीवित है, वर्तमान भारत के निर्माता के रूप में उनका नाम सदा स्मरण किया जाता रहेगा।
—आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री की पुस्तक ‘राष्ट्रनिर्माता सरदार पटेल’ से
जन्म :1 जून,1938 को मुलतान (अब पाकिस्तान) में।
शिक्षा : एम.ए. हिंदी, पीएच.डी.।
कृतित्व : बारह कविता संग्रह, दस आलोचक पुस्तकों सहित पैंतालीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित। ‘कहत कबीर कबीर’, ‘कबीर की चिंता’, ‘पूरा कबीर’, ‘दादू जीवन दर्शन’, ‘संत कवि दादू’, ‘संत मलूक ग्रंथावली’, ‘संत पुस्तक माला’का लेखकसंपादन।
सम्मानपुरस्कार : विभिन्न अकादमियों, साहित्यिक संस्थाओं, विश्वविद्यालयों द्वारा सम्मानित। छह पुस्तकें केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा पुरस्कृत। ‘कबीर शिखर सम्मान’, ‘मलूक रत्न पुरस्कार’ प्राप्त। रचनाएँ विश्वविद्यालयी पाठ्यक्रमों में निर्धारित तथा अनेक भाषाओं में अनूदित।
विदेश यात्रा : ‘विश्व रामायण सम्मेलन’ तथा ‘कबीर चेतना यात्रा’ के दौरान मॉरीशस, हॉलैंड, इंग्लैंड, बेल्जियम, नेपाल आदि देशों की यात्रा। ‘अखिल भारतीय भाषा संरक्षण संगठन’ के संस्थापक अध्यक्ष, विश्व कबीरपंथी महासभा के अध्यक्ष, ‘अखिल भारतीय श्री दादू सेवक समाज’ के महानिदेशक, ‘दादू शिखर सम्मान समिति’ के संयोजक।