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"फ्रांस की राज्य-क्रांति संपूर्ण यूरोप ही नहीं, पूरे विश्व की क्रांतियों की जनक रही है । यह देश संविधान की प्रयोगशाला रहा है। दुनिया की पाँच महाशक्तियों में एक यह राष्ट्र मानवीय मूल्यों का प्रवर्तक होने के साथ-साथ प्राचीन परंपराओं और आधुनिकतम तकनीकों का संगम भी है।
फ्रांस का अद्भुत स्वाद, समृद्ध इतिहास और आकर्षक कहानी हमें अपनी ओर खींचते हैं । फ्रांस के अनिर्वचनीय रूप से आकर्षक मनोरम पर्यटक स्थलों को देखे बिना फ्रांस या यों कहिए, समूचे यूरोप का भ्रमण अधूरा है। फ्रांस की खूबसूरत जगहें कई कवियों और कलाकारों के लिए आकर्षण की केंद्र रही हैं। दुनिया भर के संस्कृति-प्रेमियों और पर्यटकों के लिए ये स्थल आज भी विस्मयकारी बने हुए हैं।
फ्रांस एक खूबसूरत देश है, जो सुरम्य स्थलाकृति, रंगीन संस्कृति, मुक्त उत्साही लोगों और स्वादु व्यंजनों के साथ-साथ शानदार शहरों के रूप में सबको आकर्षित करता है। फ्रांस के पास महासागर तट हैं तो खूबसूरत पहाड़ी इलाके भी हैं। नैसर्गिक सुंदरता से आपूरित गाँवों की छटा तो देखते ही बनती है। मनमोहक सौंदर्य बिखेरती यहाँ की पर्वतमालाएँ, हरे-भरे लहलहाते खेत, नदियों के सुंदर तट, अंगूरों के खूबसूरत बाग, मीलों लंबे फैले फार्म सचमुच अद्वितीय हैं।
यह पुस्तक फ्रांस की सांस्कृतिक कथा के साथ वहाँ की भौगोलिक, नैसर्गिक सुंदरता का एक मनोरम वृत्तांत है।
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रमेश पोखरियाल ‘निशंक’
जन्म : वर्ष 1959
स्थान : ग्राम पिनानी, जनपद पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड)।
साहित्य, संस्कृति और राजनीति में समान रूप से पकड़ रखनेवाले डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की कहानी, कविता, उपन्यास, पर्यटन, तीर्थाटन, संस्मरण एवं व्यक्तित्व विकास जैसी अनेक विधाओं में अब तक पाँच दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित।
उनके साहित्य का अनुवाद अंग्रेजी, रूसी, फ्रेंच, जर्मन, नेपाली, क्रिओल, स्पेनिश आदि विदेशी भाषाओं सहित तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, संस्कृत, गुजराती, बांग्ला, मराठी आदि अनेक भारतीय भाषाओं में हुआ है। साथ ही उनका साहित्य देश एवं विदेश के अनेक विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में पढ़ाया जा रहा है। कई विश्वविद्यालयों में उनके साहित्य पर शोध कार्य हुआ तथा हो रहा है।
उत्कृष्ट साहित्य सृजन के लिए देश के चार राष्ट्रपतियों द्वारा राष्ट्रपति भवन में सम्मानित। विश्व के लगभग बीस देशों में भ्रमण कर उत्कृष्ट साहित्य सृजन किया। गंगा, हिमालय और पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन हेतु सम्मानित।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सांसद तथा लोकसभा की सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति के सभापति।