₹500
प्रस्तुत पुस्तक में 47 चुनिंदा साक्षात्कार दिए गए हैं, जो आज के शीर्षस्थ विचारकों, जनमत निर्माताओं, लेखकों, खिलाड़ियों, उद्यमियों के विचारों को सामने लाते हैं। आज साक्षात्कार का अर्थ टी. वी. स्टुडियो में 1 5 सेकंड का साउंड बाइट रह गया है और सवाल-जवाब में मीडिया सँभालने तथा अपनी बात थोपनेवाले लोगों का दखल होता है, लेकिन ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में छपनेवाला नियमित स्तंभ ‘आइडिया एक्सप्रेस’ में छपनेवाला नियमित स्तंभ ‘आइडिया एक्सचेंज’ उस तरह के साक्षात्कार से भिन्न है। यह स्तंभ इस सिद्धांत पर आधारित है कि सुर्खियों में रहनेवाले लोगों की वास्तविक परीक्षा उस समय होती है, जब सुपर-जानकार और सुपर-जिज्ञासु ऑडियंस—यानी एक्सप्रेस ग्रुप के पत्रकार उनसे मुद्दे से जुड़े चुभनेवाले सवाल करते हैं।
इन साक्षात्कारों में बरखा दत्त ने 26/11 के मुंबई हमले के अपने कवरेज का बचाव किया है तो शशि थरूर ने अपनी ट्वीटस का औचित्य बताया है; अमिताभ बच्चन ने अपने परिवार के बारे में खुलकर बातचीत की है तो अभिनव बिंद्रा ने अपनी शानदार ओलंपिक जीत की कहानी दोहराई है; थॉमस फायडमैन ने हाल के वित्तीय संकट का राज खोला है तो इमरान खान ने क्रिकेट और पाकिस्तान में आतंकवाद पर अपनी राय व्यक्त की है। इस संग्रह में विलियम डैलरिंपल, नरेंद्र मोदी, बाबा रामदेव, विजेंद्र सिंह, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और अन्य हस्तियों के साक्षात्कार भी दिए गए हैं।
विचारों का आदान-प्रदान किसी-न-किसी निष्कर्ष पर ले जा सकता है, और निष्कर्ष पर ले जा सकता है, और निष्कर्ष विचारों से ही निकलते हैं।आशा है, सुधी पाठक सफल व्यक्तियों की विविध बातों का अध्ययन-मनन कर अधिकाधिक लाभान्वित होंगे।
_______________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________
विषय-सूची
भूमिका — Pgs. 9
मत निर्माता
1. आर.के. पचौरी — Pgs. 13
2. सर डेविड फ्रॉस्ट — Pgs. 19
3. राजदीप सरदेसाई और बरखा दत्त — Pgs. 23
4. नंदन नीलेकनी — Pgs. 29
5. डॉ. नरेश त्रेहन — Pgs. 35
6. जेफ्री सैश — Pgs. 41
7. मुहम्मद यूनुस — Pgs. 49
8. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम — Pgs. 55
9. थॉमस फ्रायडमैन — Pgs. 63
10. डॉ. हेनरी किसिंजर — Pgs. 71
11. हेरॉल्ड इवांस और टीना ब्राउन — Pgs. 79
12. स्टीफन कोहेन — Pgs. 85
13. न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा — Pgs. 93
14. रामचंद्र गुहा — Pgs. 101
15. क्रिस्टोफ जैफ्रेलोट — Pgs. 107
16. विलियम डेलरिंपल — Pgs. 113
17. फाली एस. नरीमन — Pgs. 121
18. बाबा रामदेव — Pgs. 125
19. श्रीश्री रविशंकर — Pgs. 133
राजनीति
20. उमर अब्दुल्ला — Pgs. 139
21. कपिल सिब्बल — Pgs. 149
22. कमल नाथ — Pgs. 157
23. पी. चिदंबरम — Pgs. 163
24. प्रणव मुखर्जी — Pgs. 171
25. शशि थरूर — Pgs. 177
26. दिग्विजय सिंह — Pgs. 183
27. सुषमा स्वराज — Pgs. 189
28. नरेंद्र मोदी — Pgs. 193
29. नितिन गडकरी — Pgs. 201
फिल्में • कला • फैशन • साहित्य
30. अमिताभ बच्चन — Pgs. 209
31. ओम पुरी — Pgs. 215
32. सुबोध गुप्ता और भारती खेर — Pgs. 225
33. अदूर गोपालकृष्णन — Pgs. 233
34. इब्राहीम अलकाजी — Pgs. 239
35. रितु कुमार, जे.जे. वलाया और तरुण तहिलियानी — Pgs. 247
36. श्याम बेनेगल — Pgs. 255
37. वेद मेहता — Pgs. 263
खेल
38. विजेंदर सिंह — Pgs. 273
39. नवजोत सिंह सिद्धू — Pgs. 281
40. जीव मिल्खा सिंह — Pgs. 287
41. हर्षा भोगले — Pgs. 295
42. मंसूर अली खाँ पटौदी — Pgs. 301
43. इमरान खाँन — Pgs. 307
44. अभिनव बिंद्रा — Pgs. 311
बिजनैस
45. के. पी. सिंह — Pgs. 321
46. राहुल बजाज — Pgs. 329
47. सुनील भारती मित्तल — Pgs. 333
‘‘मैं युवाओं को हमेशा सपने देखने के लिए प्रेरित करता हूँ। वे बहुत कम भ्रमित होते हैं।’’
—डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
‘अगर आपके मन में यह डर है कि कोई आपकी आलोचना कर सकता है तो यह डर आपके व्यवहार को बाधित करता है।’
—श्रीश्री रविशंकर
‘हमने एक परिवार के रूप में दिवालियापन देखा है। हम डर गए हैं, इसलिए हम तब तक काम करना चाहते हैं, जब तक कर सकते हैं।’
—अमिताभ बच्चन
‘अगर मेरे खिलाफ कोई सुबूत होता तो मुझे काफी समय पहले फाँसी पर लटका दिया गया होता।’
—नरेंद्र मोदी
‘उच्च और मध्य वर्गों के पास अकसर अपनी पहचान के कई प्रकार होते हैं, लेकिन गरीबों के पास अकसर कोई नहीं होता’
—नंदन नीलेकनी
‘मैं ओलंपिक के अपने सपने को हासिल करने के लिए दीवानगी की हद तक पहुँच गया था।’
—अभिनव बिंद्रा
‘कवेल एक गुरु होता है, जो आपको सक्षम होने के लिए विवश करता है और वह गुरु है प्रतिस्पर्धा’
—राहुल बजाज