₹400
विज्ञान में आधुनिक और नए अनुसंधानों ने यह सिद्ध कर दिया है कि ब्रह्मांड एवं सौर मंडल के ग्रह-नक्षत्रों का पृथ्वी के चराचर पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ता है। इन उपलब्धियों से आधुनिक शिक्षित समाज में, जो कि कभी इस सिद्धांत (फलित ज्योतिष) को एक अंधविश्वास मात्र मानता था, पुनः इस शास्त्र के प्रति रुचि तथा विश्वास उत्पन्न हो गया है।
अगर हम ज्योतिष की वैज्ञानिकता की बात रहे हैं तो इसका आधार है फलित-ज्योतिष, जो गणित पर ही आधारित है। फलित ज्योतिष में मूलभूत गणित का ज्ञान प्रत्येक को होना नितांत आवश्यक है। बिना गणित की प्रक्रिया को जाने फलित का यथार्थ ज्ञान होना संभव नहीं है।
ज्योतिष शास्त्र अनंत है, उसके सिद्धांत, संहिता तथा होरा नामक तीन स्कंधों में से इस पुस्तक को होरा-शास्त्र का केवल एक अंश ही समझना चाहिए। इस पुस्तक में केवल जन्म-कुंडली और वर्ष-कुंडली के मुख्य-मुख्य गणित विषय मात्र संकलित हैं।
डॉ. शंकर अड़ावल प्रबंधन क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम होने के साथ-साथ एक सफल ज्योतिषाचार्य भी हैं, जिन्होंने ज्योतिष विद्या से जुड़ी अनेक जानकारियों व रहस्यों का उजागर करनेवाली कई पुस्तकों का लेखन किया है। डॉ. अड़ावल गत तीस वर्षों से देश-विदेश के अग्रणी व्यावसायिक संस्थानों में सेवारत रह चुके हैं व वर्तमान में जानी-मानी भारतीय कंपनी फर्ट्युन में उच्च पद पर आसीन हैं। मानवाधिकारों में विशेष अभिरुचि ने इन्हें इस विषय से जुड़े कई अभियानों के संचालन हेतु भी प्रेरित किया है।
देश के नामचीन ज्योतिषाचार्य व सरकारी सेवा में कार्यरत रह चुके पिता के पुत्र
डॉ. शंकर अड़ावल का पिता के सान्निध्य में बचपन से ही झुकाव था, ज्योतिष व आध्यात्मिकता से संबंधित विषयों जैसे जीवन की यर्थाथता, जीवन का विरोधाभास, ईश्वर की सत्यता आदि के गहन अध्ययन की ओर रहा। कदाचित् आगे चलकर इनका यही झुकाव ज्योतिष से जुड़ी इनकी अनेक पुस्तकों में निहित ज्ञान के रूप में पाठकों के समक्ष प्रस्तुत हुआ।