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Falon Aur Sabziyon Se Chikitsa   

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Author H K Bakhru
Features
  • ISBN : 9789351865926
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • H K Bakhru
  • 9789351865926
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2019
  • 132
  • Soft Cover
  • 200 Grams

Description

विश्व की अधिकांश चिकित्सा पद्धतियों—आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, तिब्बती, एलोपैथी आदि—में अनेक प्रकार की वनस्पतियों यानी फलों-सब्जियों एवं उनके अवयवों आदि का उपयोग ही अधिक होता है। आयुर्वैदिक चिकित्सा में सबसे मुख्य बात यह होती है कि इसमें उपयुक्त दवाओं में रोग के मारक गुण कम और शोधक अधिक होते हैं। इनके उपचार से रोग दबता नहीं है, बल्कि हमेशा के लिए जड़ से समाप्त हो जाता है।
वैसे तो क्या गरीब, क्या अमीर—सभी लोग फलों एवं सब्जियों का उपयोग अपने सामर्थ्य के अनुसार करते ही हैं; लेकिन इनका उपयोग यदि चिकित्सा की दृष्टि से किया जाए तो अनेक छोटे-बड़े रोगों से छुटकारा मिल सकता है। फल एवं सब्जियाँ स्वास्थ्य के रक्षक हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में सर्वसुलभ फलों एवं सब्जियों से अनेक रोगों की चिकित्सा में इनका उपयोग बड़ी सीधी-सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है। उपयोगिता की दृष्टि से यह पुस्तक प्रत्येक गृहस्थ, आयुर्वैदिक चिकित्सक एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के लिए पठनीय एवं संग्रहणीय है।

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अनुक्रम

फल

अंगूर —Pgs. 9

अनन्नास —Pgs. 12

अमरूद —Pgs. 15

आम  —Pgs. 18

केला —Pgs. 21

खजूर —Pgs. 25

जामुन —Pgs. 27

नाशपाती  —Pgs. 29

नींबू  —Pgs. 32

पपीता —Pgs. 36

बेर —Pgs. 39

बेल —Pgs. 42

मुनक्का —Pgs. 45

संतरा —Pgs. 48

शरीफा —Pgs. 51

सेब —Pgs. 54

सब्जियाँ

अदरक —Pgs. 61

आलू —Pgs. 64

कटहल —Pgs. 67

कद्दू —Pgs. 69

करी पत्ते —Pgs. 72

करेला —Pgs. 75

खीरा  —Pgs. 78

गाजर  —Pgs. 80

चुकंदर —Pgs. 83

चौलाई —Pgs. 85

टमाटर —Pgs. 88

तुरई —Pgs. 91

धनिया —Pgs. 94

पत्तागोभी —Pgs. 97

पालक —Pgs. 101

पुदीना —Pgs. 103

प्याज —Pgs. 106

फरसबीन —Pgs. 109

बैगन —Pgs. 111

भिंडी —Pgs. 114

मेथी —Pgs. 117

लहसुन —Pgs. 121

लौकी —Pgs. 124

सलाद के पत्ते —Pgs. 127

सहिजन —Pgs. 130

The Author

H K Bakhru

डॉ. हरिकृष्ण बाखरू की एक प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ तथा बहुआयामी लेखक के रूप में देश भर में प्रतिष्‍ठा है। प्राकृतिक उपचार, स्वास्थ्य, पोषण और जड़ी-बूटियों पर उनके सुलिखित लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और वेब-साइटों पर नियमित रूप से नजर आते हैं।
न्यूरोपैथी में डिप्लोमा प्राप्त डॉ. बाखरू की सभी पुस्तकों को लोगों की व्यापक प्रशंसा प्राप्‍त हुई है और उनके कई-कई संस्करण हुए हैं। लखनऊ विश्‍वविद्यालय से इतिहास में प्रथम श्रेणी प्रथम स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त डॉ. बाखरू ने अपना कैरियर इंडियन रेलवे में सन् 1949 से शुरू किया। अक्‍तूबर 1984 में वे मुंबई में सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए।
डॉ. बाखरू ऑल इंडिया आल्टरनेटिव मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के एसोसिएट सदस्य और मुंबई में नेचर क्योर प्रैक्टिशनर्स गिल्ड के सदस्य हैं। वैकल्पिक चिकित्सा के क्षेत्र में उनके समर्पण तथा उल्लेखनीय योगदान के कारण इंडियन बोर्ड ऑफ आल्टरनेटिव मेडिसिंस, कोलकाता ने उन्हें आहार-पद्धति में स्वर्ण पदक, ‘लाइफटाइम एचीवमेंट पुरस्कार’ और ‘जेम ऑफ आल्टरनेटिव मेडिसिंस पुरस्कार’ तथा नेचर क्योर प्रैक्टिशनर्स गिल्ड, मुंबई द्वारा ‘नेचर क्योर एप्रीशिएशन पुरस्कार’ प्राप्‍त हुए हैं।

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