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कहा गया है—एक सेहत हजार नियामत। अच्छा स्वास्थ्य किसी वरदान से कम नहीं है। स्वास्थ्य अच्छा रखने के लिए हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जो हमें रोगी बनाए, अर्थात् हमें ‘इलाज से बेहतर बचाव’ की नीति का पालन करना चाहिए। लेकिन आज के विषम माहौल में कोई-न-कोई रोग, व्याधि हमें जब-तब आकर घेर लेती है—तब हम क्या करें?
तब इस पुस्तक की मदद लें, जिसमें पूरे परिवार को स्वस्थ रखने के सटीक उपाय दिए गए हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि हम सुदीर्घ-स्वस्थ जीवन कैसे पा सकते हैं। यह आपको ऐसे सरल घरेलू उपाय बताती है कि आप उन्हें स्वयं आजमाकर स्वस्थ परिवार, समाज और देश का निर्माण कर सकते हैं। सामान्य रोगों और उनके उपचार की पूरी जानकारी सरलता से समझी और अपनाई जा सकनेवाली विधि से बताई गई है। पूरे परिवार के सुदीर्घ-स्वस्थ जीवन के लिए एक प्रामाणिक और व्यावहारिक ‘फैमिली हैल्थ गाइड’।
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अनुक्रमणिका
प्रस्तावना — Pgs. 7
1. स्वस्थ जीवन के आधार — डॉ. अनिल चतुर्वेदी — Pgs. 11
2. आहार से बीमारियों का मुकाबला — डॉ. अनिल चतुर्वेदी — Pgs. 14
3. एंटीबायोटिक के अंधाधुंध सेवन से बचें — डॉ. अनिल चतुर्वेदी — Pgs. 17
4. सामान्य/प्राथमिक चिकित्सा — डॉ. अनिल चतुर्वेदी — Pgs. 20
5. बाल चिकित्सा — डॉ. पी.के. सिंघल — Pgs. 56
6. अस्थि रोग चिकित्सा — डॉ. राजू वैश्य — Pgs. 91
7. कान, नाक एवं गला — डॉ. संदीप सिंध — Pgs. 117
8. दंत चिकित्सा — डॉ. नीना पांडे — Pgs. 125
9. त्वचा एवं बाल — डॉ. देवेंद्र जैन — Pgs. 134
10. धमनी रोग/रक्त वाहिनी रोग — डॉ. के.के. पांडे — Pgs. 154
11. नेत्र चिकित्सा — डॉ. संजय चौधरी — Pgs. 163
12. स्त्री रोग एवं गर्भावस्था — डॉ. नीलम बनर्जी — Pgs. 180
13. मस्तिष्क एवं स्नायु चिकित्सा — डॉ. राजेंद्र प्रसाद — Pgs. 201
14. हृदय रोग — डॉ. पुरुषोत्तम लाल — Pgs. 208
15. वयस्कों में टीकाकरण — डॉ. अनिल चतुर्वेदी — Pgs. 217
16. जब आप डॉक्टर के पास जाएँ — डॉ. अनिल चतुर्वेदी — Pgs. 222
17. जरूरी क्यों है मास्टर हैल्थ चेकअप — डॉ. अनिल चतुर्वेदी — Pgs. 224
18. गोली से बेहतर होता है डॉक्टर — डॉ. अनिल चतुर्वेदी — Pgs. 227
पुस्तक में संकलित लेखों के डॉक्टर्स — Pgs. 230
सन् 1974 में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली से एम.डी. मेडिसिन की उपाधि प्राप्त की, वहीं सीनियर रजिस्ट्रार तथा फिजिशियन के रूप में कार्य किया। सन् 1977 से 1982 तक सेंट स्टीफेंस अस्पताल तथा टाइम्स ऑफ इंडिया प्रकाशन समूह के चिकित्सा परामर्शदाता रहे। सन् 1983 से 1989 तक नारू में विश्व-प्रसिद्ध मधुमेह विशेषज्ञ डॉ. पॉल जिमैट के साथ मधुमेह रोग पर अनुसंधान किया। दिल्ली के शांति मुकुंद अस्पताल, दीपक मेमोरियल अस्पताल एवं संजीवन मेडिकल सेंटर में चिकित्सा परामर्शदाता रहे। आपने नैतिकता, डॉक्टर आचार-संहिता, डॉक्टर और कानून जैसे गंभीर विषयों पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय गोष्ठियों में परिचर्चा, संवाद एवं लेखन द्वारा अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहण किया है।
विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में स्वास्थ्य विषयों पर अनेक महत्तवपूर्ण लेख प्रकाशित। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का ‘डॉ. भिड़े पुरस्कार’ (1994) एवं ‘डॉ. ठक्कर सम्मान’ (1996) प्राप्त हो चुके हैं।वर्ष 1996 में आपको ‘राष्ट्रीय हिंदी सम्मान’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। सन् 2005 में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा ‘विज्ञान भूषण सम्मान’, सन् 2006 में ‘चिकित्सा और हम’ पुस्तक पर हिंदी अकादमी, दिल्ली सरकार द्वारा ‘साहित्यिक कृति सम्मान’।
संप्रति : एस्कॉर्ट हृदय संस्थान में रोग निवारण एवं पुनर्वास विभाग में चिकित्सा परामर्शदाता एवं ‘नेशनल कमीशन ऑफ माक्रो इकोनॉमिक्स इन हैल्थ’ के भूतपूर्व सदस्य।