स्वतंत्र पत्रकारिता अथवा फीचर लेखन अब बाकायदा एक व्यवसाय का रूप ले चुका है। जिस भी व्यक्ति को शब्दों को व्यवस्थित करने की कला आ गई, समझो वह फीचर लेखन की दुनिया में सशक्त हस्ताक्षर के रूप में स्थापित हो गया।
ऐसे बहुत से अवसर व मुद्दे सामने आए हैं जब विभिन्न स्तंभकारों ने अपने लेखों द्वारा एक ओर न सिर्फ जनता को जागरूक ही किया, अपितु दूसरी ओर सुप्तप्राय सरकारों को भी नींद से जगाया। बहुत से ऐसे उदाहरण हैं जब स्वतंत्र पत्रकारों द्वारा लिखे गए लेखों पर देश में भूचाल-सा आ गया। स्वतंत्र भारत में पर्दाफाश होनेवाले विभिन्न घोटाले, भ्रष्टाचार व राष्ट्रव्यापी गबन के मामलों में यह तथ्य और भी ज्यादा प्रभावी साबित हुआ।
इइस पुस्तक में दी गई समस्त जानकारियाँ पाठकों को एक ओर जहाँ विषय की ‘थ्योरी’ का ज्ञान कराती हैं, वहीं दूसरी ओर व्यावहारिक पक्ष को प्राथमिकता देने के कारण पुस्तक की उपयोगिता को भी बढ़ाती हैं। विभिन्न फीचर्स की परिभाषाएँ एवं उनके उदाहरण देने के पीछे यही उद्देश्य है। पुस्तक को तैयार करने में विविध शोध संदर्भों, लेखों, विवरणों, पाठ्य सामग्रियों व अन्य जानकारियों को प्रयोग में लाया गया है।
पुस्तक को उपयोगी बनाने के लिए विविध प्रसंगों में उदाहरणस्वरूप फीचर्स के कुछ नमूने प्रस्तुत किए गए हैं, ताकि पाठकगण विषय-वस्तु को और भी बेहतर ढंग से समझ सकें।
प्रो. पुष्पेंद्र कुमार आर्य पत्रकार, लेखक एवं कैरियर मार्गदर्शक के रूप में विख्यात हैं। लगभग सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में आपकी दो हजार से अधिक रचनाएँ तथा विविध महत्त्वपूर्ण विषयों पर पच्चीस से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से एम.ए. (राजनीति-शास्त्र), कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पत्रकारिता एवं जनसंचार में पी.जी. डिप्लोमा तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन केंद्र से प्रथम श्रेणी में ‘मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन’ की डिग्री के बाद आप ‘महात्मा गांधी का पत्रकार जीवन’ विषय पर शोध कार्य में संलग्न हैं। देश के विविध राष्ट्रीय समाचार पत्र-पत्रिकाओं के संपादकीय विभाग में आप शीर्षस्थ पदों पर कार्य कर चुके हैं।
सृजनात्मक लेखन एवं उल्लेखनीय रचनात्मक प्रतिभा के लिए आपको विविध पुरस्कारों व सम्मानों से विभूषित किया जा चुका है। इनमें ‘इंटरनेशनल वोकेशनल अवार्ड’; विश्व शांति आंदोलन ट्रस्ट, मुंबई द्वारा ‘राष्ट्र गौरव सम्मान’; अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टीट्यूट, इंक, कैरोलीना (अमेरिका) द्वारा ‘मैन ऑफ द ईयर-2003’; हिंदी संगठन, मॉरीशस का ‘हिंदी सम्मान’; ओरिएंटल कल्चरल अकादमी, बैंकॉक (थाईलैंड) द्वारा ‘इंस्टीट्यूट अवार्ड’; सल्तनत ऑफ ओमान के ‘निशान-ए-मस्कट’ एवं यूनिवर्सिटी ऑफ मीडिया आर्ट्स, नोएडा के ‘अकादमी अवार्ड’ के अतिरिक्त भारत सरकार के कल्याण मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रदत्त सम्मान प्रमुख हैं।