₹200
आज फेंग शुई विश्व भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। सदियों पूर्व ऋषि-मुनियों ने मानव समाज की भलाई के लिए चुंबकीय प्रवाहों, वायु तथा सूर्य की ऊर्जा को ध्यान में रखकर वास्तुशात्र एवं फेंग शुई की रचना की। आधुनिक युग में वैज्ञानिकों ने भी एकमत से यह स्वीकार किया है कि प्रकृति के नियमों के विरुद्ध जाकर कोई भी मानव समाज अथवा देश स्वस्थ, सुखमय व वैभवपूर्ण जीवन नहीं जी सकता। फेंग शुई के सिद्धांत और नियम जनसाधारण के जीवन में उपयोगी बनकर उनके जीवन को प्रगतिशील, समृद्धिशाली व शांतिमय बनाते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में फेंग शुई के नियमों व सिद्धांतों की संक्षिप्त व रोचक जानकारी देने के साथ ही मनुष्य के सामान्य जीवन, रहन-सहन एवं दिशाओं व कोणों का वैज्ञानिक विश्लेषण किया गया है। पुस्तक में दिए गए अनेक चित्र विषय की रोचकता को बढ़ाते हैं तथा उसे और भी सुग्राह्य व पठनीय बनाते हैं।
14 नवंबर, 1958 को सिरसा (हरियाणा) में जनमे पवन के. गोयल कई कार्यक्षेत्रों में अपूर्व बुद्धिमत्ता के परिचायक हैं। आपने वास्तु विद्या प्रतिष्ठानम् से वास्तु विद्या परिचय परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। औद्योगिक निर्माण, भवन-सज्जा एवं तकनीकी सलाहकार के रूप में कार्य करते हुए आपने अपनी एक औद्योगिक परियोजना में फेंग शुई के चमत्कार के अद्भुत परिणाम अनुभव किए। इन परिणामों ने आपको फेंग शुई के प्रति जिज्ञासु व गहन चिंतक के रूप में स्थापित किया।
आपने वास्तु विज्ञान एवं फेंग शुई पर अनेक राष्ट्रीय सम्मेलनों को संबोधित किया है। प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में फेंग शुई विषय पर आपके लेख प्रमुखता के साथ प्रकाशित होते रहते हैं।