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धीरा खंडेलवाल की काव्य रचना का झुकाव छायावाद की ओर है। उनकी कविताएँ सहज ग्राह्य और सरल शब्दों के साथ सटीकता से अपने भावों का संप्रेषण करती हुई पाठक को चमत्कृत कर देती हैं। उनकी कविताओं में मन के कोमल भाव हैं, जग की वेदना है और बेचैनी है। धीरा खंडेलवाल छोटे-छोटे वाक्यों में गंभीर भाव भरने में दक्ष हैं। संगीतात्मकता और लय पर आधारित उनकी शैली अत्यंत सरस और मधुर है। उनकी कविताओं में आत्म आनंद के साथ-साथ जीवन और जगत् की सच्चाई का पुट भी रहता है।
लेकिन धीरा खंडेलवाल की अधिकांश कविताओं में आत्म-स्पंदन हैं, आत्मा से संलाप और स्मृतियों का आत्मा में ही लय है। इसलिए इनमें न तो दुनियावी छल-बल की आपाधापी है और न ही देश-काल की वे आहटें हैं, जो सत्ताओं से लोक को मिलती हैं। उनकी कविताएँ आज भगदड़ में पड़ी सभ्यता के दौर में बहुत विरल हैं। धीरा खंडेलवाल की ये कविताएँ न तो गर्जन हैं और न ही सूक्तियाँ बल्कि एक सहृदय इनसान की उक्तियाँ हैं, जो आत्मा से चलकर आत्मा में ही लीन हो जाती हैं...
धीरा खंडेलवाल
शिक्षा : एम.ए., एम.फिल. (इतिहास), एल-एल.बी., ज्योतिष प्रवीण, ज्योतिष विशारद, आई.ए.एस. (से.नि.)।
साझा संकलन : ‘नेह के दीप’, ‘माटी की महक’, ‘ओस के मोती’, ‘कदमों की लय’, ‘उड़ान अपनी-अपनी’।
कविता-संग्रह : ‘मुखर मौन’, ‘साँझ-सकारे’, ‘खयालों के खलिहान’, ‘अंतर आकाश’, ‘मेघ मेखला’, ‘रेशमी रस्सियाँ’, ‘व्योम विस्तार’, ‘बूंद बावरी’, ‘निर्झर नीर’।
हाइकु-संग्रह : ‘तारों की तरफ’, ‘मन मुकुर’।
सम्मान : चंडीगढ़ साहित्य अकादमी का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड। ‘खयालों के खलिहान’ को चंडीगढ़ साहित्य अकादमी का वर्ष 2017 का सर्वश्रेष्ठ पुस्तक का पुरस्कार। हरियाणा साहित्य अकादमी का श्रेष्ठ महिला रचनाकार सम्मान।
उपलब्धियाँ : ‘तारों की तरफ’ का पंजाबी, उर्दू तथा अंग्रेजी में अनुवाद प्रकशित। ‘संडे इंडियन’ पत्रिका ने 101 श्रेष्ठ महिला रचनाकारों में सम्मिलित किया। देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ निरंतर प्रकाशित।
संपर्क : 318/18, सिविल लाइंस, गुरुग्राम (हरियाणा)
मो. : +91-9803123456