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सन् 1913 में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर से 'गदर' साप्ताहिक अखबार के रूप में शुरू हुआ था। इस पर लिखा गया था कि विदेशी धरती पर देशी भाषा में इसकी शुरुआत की जा रही है, लेकिन यह अंग्रेजी शासन के विरुद्ध युद्ध की शुरुआत है। बड़े एवं मोटे अक्षरों में लिखे गए गदर के साथ चार अक्षर लिखे गए–'अंग्रेजी राज का दुश्मन।' बाएँ और दाएँ 'वंदे मातरम्' लिखा गया। इसके नीचे लिखा गया-'भारत के नवयुवको, हथियार लेकर शीघ्र तैयार हो जाओ।' 8 नवंबर, 1913 को गुरुमुखी (पंजाबी) में गदर अखबार का प्रकाशन आरंभ हुआ। अखबार के रूप में शुरू हुआ गदर पंजाबी श्रमिकों एवं बुद्धिजीवियों के लिए स्वतंत्रता आंदोलन की मशाल बन गया। पंजाबी आप्रवासियों द्वारा विश्व के विभिन्न देशों में बनाए गए संगठनों के निर्माण का इतिहास तथा अमेरिका में पंजाबी श्रमिकों की स्थिति का वर्णन इसमें है। पंजाबी श्रमिकों को कनाडा लेकर गए कामागाटा मारू जहाज की यात्रा-कथा के साथ गदरियों की पंजाब वापसी की चर्चा इसमें है। गदर पार्टी के क्रांतिकारियों द्वारा किए गए कार्यों का ऐतिहासिक विश्लेषण इस पुस्तक में है।
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अनुक्रम
लेखकीय —Pgs. 7
1. गदर आंदोलन के पूर्व भारत की क्रांतिकारी गतिविधियाँ —Pgs. 13
2. पंजाब में सामाजिक एवं राजनीतिक असंतोष —Pgs. 48
3. श्रमिकों का कनाडा एवं अमेरिका आगमन —Pgs. 84
4. भारतीय श्रमिकों से चिढ़ —Pgs. 125
5. संगठन का निर्माण और विरोध के स्वर —Pgs. 171
6. संघर्ष का सूत्रपात —Pgs. 181
7. अमेरिका में आप्रवासी भारतीयों की स्थिति —Pgs. 199
8. साप्ताहिक ‘गदर’ —Pgs. 224
9. कामागाटा मारू —Pgs. 264
10. गदरियों की पंजाब वापसी —Pgs. 316
11. पंजाब में गदर आंदोलन —Pgs. 340
12. रासबिहारी बोस का नेतृत्व —Pgs. 371
13. भारत-जर्मन योजना —Pgs. 389
14. तुर्की और पारस योजना —Pgs. 422
15. अनुलग्नक —Pgs. 452
भैरव लाल दास जन्म : 15 जनवरी, 1968।
शिक्षा : एम.ए. (राजनीति शास्त्र), प्रबंधन (मानव संसाधन), पत्रकारिता एवं जनसंचार।
सेवा : परियोजना अधिकारी, बिहार विधान परिषद्, पटना।
प्रकाशन : 'बटुकेश्वर दत्त और क्रांतिकारी आंदोलन', 'गोत्राध्याय', 'कैथी लिपि का इतिहास', 'महात्मा गांधी के चंपारण आंदोलन के सूत्रधार राजकुमार शुक्ल की डायरी', 'चंपारण में गांधी की सृजन-यात्रा', 'तिनकठिया', 'गांधीवादी क्रांतिकारी देवशरण सिंह', 'बिंदेश्वरी प्रसाद वर्मा : एक संत राजनेता', 'भारत के संविधान का मैथिली अनुवाद' (डॉ. नित्यानंद लाल दास के साथ)। । शोधकार्य : राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय
सेमिनारों में सहभागिता तथा शोधपत्रिकाओं में शोधालेखों का प्रकाशन।
संपादन एवं प्रकाशन : दो दर्जन से अधिक पुस्तकों का संपादन और प्रकाशन, शोध पत्रिका 'मिथिला भारती' का सहसंपादन।
अमेरिका एवं बांग्लादेश की यात्रा।