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एक सवाल जो मुझसे बार-बार पूछा गया ‘किताब में या है?’ जैसे फिशन है या नॉन फिशन है, कहानी है, व्यंग्य है? एक शद में कहूँ तो किताब ‘रोचक’ है। नदी की तरह सभी को समेटकर बहती है। इसमें व्यंग्यात्मक कहानियों के जरिए गंदगी के महारथियों का परिचय कराया गया है। ये महारथी हमारे आसपास हैं, कुछ के अंश हमारे अंदर भी होंगे, उन्हीं से आधिकारिक परिचय कराना जरूरी था, योंकि बदलाव की पहली शर्त होती है जागरूकता।
दूसरा सवाल जिसे आपको जरूर पूछना चाहिए कि ‘किताब से मुझे या मिलेगा?’ हास्य मिलेगा, अच्छी कहानी मिलेगी या कुछ और? ये किताब आपको इन दोनों चीजों के साथ पैसे बचाने में मदद करेगी। ये आपको, आपके परिवार को और समाज को स्वस्थ रहने में मदद करेगी। बीमारियों पर होनेवाले खर्च को कम करेगी। गंदगी के महारथियों का मजाक उड़ाकर हास्य पैदा करना मकसद नहीं है, बल्कि किताब में समाधान भी है।
व्यंग्य का सत्य तभी सुंदर हो सकता है, जब उसमें समाज के लिए शिव की भावना हो। यह किताब सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया: की हमारी सनातन परंपरा की आधुनिक कड़ी है। किताब इस उम्मीद में लिखी गई है कि आप स्वस्थ रहें, आप खुश रहें।
मनीश शर्मा, इस वत, न्यूज चैनल ए.बी.पी. न्यूज में सीनियर प्रोड्यूसर के तौर पर काम कर रहे हैं। पिछले 11 साल से ए.बी.पी. न्यूज के साथ जुड़े हैं। टी.वी. के लिए स्क्रिप्ट लिखने के अलावा ए.बी.पी. न्यूज की वेबसाइट पर भी लिखते रहे हैं।
17 साल के कॅरियर में करीब 12 साल टी.वी. पर एंकरिंग की है। स्टार न्यूज, जी न्यूज, ई टी.वी. मध्य प्रदेश और इन टी.वी. में भी एंकर के तौर पर काम कर चुके हैं। रेडियो पर एनाउंसर भी रहे हैं।
शिक्षा में पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी में एम.ए. किया है। कॉलेज की शिक्षा महाराजा अग्रसेन कॉलेज (1994-1997) से हुई है। टी.वी. पर लिखना रोजगार के लिए है, लेकिन व्यंग्य सिर्फ शौक के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी के लिए लिखते हैं।
पता : 1102, अंतरिक्ष गोल्फ व्यू वन, सेटर-78, नोएडा-201304 (उ.प्र.)
दूरभाष : 9810386085