₹250
‘गांधी बनाम भगत : एक संत, एक सैनिक’ उस ऊहापोह के समाधान की ओर एक विनम्र लघु प्रयास है, जो महात्मा गांधी और शहीद भगतसिंह के व्यक्तित्वों की तुलना से उत्पन्न होता है। दोनों भारतीय स्वाधीनता संग्राम के चमकते सितारे और माँ भारती के अमर सपूत हैं, जिन्होंने देश के लिए सर्वस्व समर्पित कर दिया था, पर प्रकारांतर में इन दोनों विभूतियों को एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी के रूप में प्रस्तुत किया जाने लगा।
यह पुस्तक तटस्थ भाव से इन दोनों के अतुलनीय योगदान से परिचित कराती है कि कैसे एक ने सत्याग्रह के रास्ते पर चलकर और दूसरे ने संघर्ष करके अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए विवश कर दिया।
महात्मा गांधी और सरदार भगतसिंह के जीवन और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर विहंगम दृष्टि डालती एक पठनीय पुस्तक।
____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________
अनुक्रम
प्रस्तावना —Pgs. 5
1. भारत के स्वतंत्रता संग्राम का ऐतिहासिक परिपेक्ष —Pgs. 11
1. ईस्ट इंडिया कंपनी का इतिहास (1612-1857) —Pgs. 13
2. मुगल बादशाह सलीम द्वारा भारत का अंग्रेजों को बेचा जाना —Pgs. 16
3. ईस्ट इंडिया कंपनी का विस्तार —Pgs. 19
4. सन् 1857 की बगावत के कारण —Pgs. 26
5. सन् 1857 की बगावत की विफलता के कारण —Pgs. 31
6. इंडियन नेशनल कांग्रेस की स्थापना —Pgs. 35
7. कांग्रेस में राष्ट्रवाद का जन्म —Pgs. 40
8. प्रथम विश्वयुद्ध और भारतीय जनता का मत परिवर्तन —Pgs. 42
2. स्वतंत्रता संग्राम—गांधी बनाम भगत सिंह —Pgs. 45
1. मोहनदास का जन्म —Pgs. 47
2. भगत सिंह का जन्म —Pgs. 49
3. मोहनदास का बचपन —Pgs. 54
4. मोहनदास का विवाह एवं युवावस्था —Pgs. 59
5. मोहनदास की इंग्लैंड में पढ़ाई —Pgs. 62
6. मोहनदास का दक्षिण अफ्रीका में रंग-भेद से सामना —Pgs. 65
7. भगत सिंह—बचपन से युवावस्था तक —Pgs. 71
8. भगत सिंह—जलियाँवाला बाग त्रासदी —Pgs. 73
9. गांधी की भारत वापसी और असहयोग आंदोलन —Pgs. 77
10. भगत सिंह की आजादी की लड़ाई —Pgs. 82
11. गांधी का असहयोग आंदोलन और पूर्ण स्वराज की माँग —Pgs. 88
12. गांधी—दांडी यात्रा से आजादी तक —Pgs. 94
13. भगत सिंह—अंतिम मिशन —Pgs. 101
3. भगत सिंह और गांधी—सिद्धांत से शहादत तक —Pgs. 107
1. महात्मा गांधी की शहादत —Pgs. 109
2. शहीद-ए-आजम भगत सिंह की शहादत —Pgs. 115
3. गांधी-भगत—एक संत, एक सैनिक —Pgs. 121
4. युवाओं में पटेल नेहरू विवाद —Pgs. 126
नवीन गुलिया
16 जुलाई, 1973 को दिल्ली में एक सैन्य अधिकारी के घर जनमे, साहसी व्यक्तित्व एवं विलक्षण प्रतिभा के धनी श्री नवीन गुलिया, स्वयं एक भूतपूर्व प्रशस्ति-पत्र प्राप्त सैनिक एवं अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त लेखक, कवि, विचारक, समाजसेवक और प्रेरक वक्ता के रूप में विख्यात हैं। 18,632 फीट की ऊँचाई पर स्थित विश्व के सबसे ऊँचे पहाड़ी दर्रे तक बिना रुके 55 घंटे में पहुँचने वाले ये दुनिया के एकमात्र व्यक्ति हैं, जिसके लिए इनका नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है।
श्री नवीन गुलिया हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में लिखते हैं। इनकी आत्मकथा ‘वीर उसको जानिए’ ने अपार प्रसिद्धि प्राप्त की।
वर्ष 2004 से ये अपनी संस्था ‘अदा चैरिटेबल ट्रस्ट’ के माध्यम से गरीब और जरूरतमंद बच्चों के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं। समाजसेवा के क्षेत्र में विशिष्ट सेवाओं के लिए उन्हें अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने उन्हें राष्ट्रीय आदर्श नामक पुरस्कार से सम्मानित किया। अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से अलंकृत।
उनसे संपर्क करने के लिए navingulia@gmail.com पर इ-मेल कर सकते हैं अथवा सोशल मीडिया पर Navin Gulia के नाम से खोज सकते हैं।