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भारतीय राजनीति गठबंधन के दौर में न केवल प्रवेश कर चुकी है, गठबंधन की सरकारों का गठन अब भारतीय लोकतंत्र का वर्तमान और आगामी अतीत नजर आ रहा है। राष्ट्रीय दलों ही नहीं, क्षेत्रीय दलों की पैठ मतदाताओं में जितनी गहरी होती जाएगी, यह चलन बढ़ेगा। क्षेत्रीय मुद्दों पर ही नहीं, राष्ट्रीय मुद्दों पर भी अपने क्षेत्रीय दलों पर मतदाता का भरोसा लगातार बढ़ रहा है। यही वजह है कि मतदाता चाहता है कि राष्ट्रीय स्तर पर भी उसका प्रतिनिधित्व उसके क्षेत्रीय दल करें। पिछले लगभग एक दशक से मतदाताओं ने गठबंधन की सरकारों के गठन का जनादेश दिया है।
अपने प्रधानमंत्रित्व काल में श्री वाजपेयी ने जो उपलब्धियाँ हासिल की हैं उन्हें सहज शब्दों में कहा जा सकता है-जो कहा वह कर दिखाया। प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने के बाद भी उनकी कथनी और करनी एक ही बनी रही। अपनी बात को स्पष्ट और दृढ़ शब्दों में कहना अटल जी जैसे निर्भय और सर्वमान्य व्यक्ति के लिए सहज और संभव रहा है।
मुद्दा चाहे पड़ोसियों से संबंध सुधारने की दिशा में चीन यात्रा का हो, लाहौर बस यात्रा हो या कारगिल से दुश्मन को खदेड़ना, आगरा वार्ता हो या फिर से खेल संबंधों की बहाली, परमाणु परीक्षण हो या डन्ल्यू. टी. ओ. पर दो टूक राय या अमेरिका की मध्यस्थता को ठुकराने का फैसला। अटल जी के शासनकाल में देश की अर्थव्यवस्था ने नई ऊँचाइयों को छुआ है। विदेशी मुद्रा भंडार, सूचना प्रौद्योगिकी, आउट सोर्सिंग, किसान बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, ग्रामीण सड़क योजना, स्वर्ण चतुर्भुज राजमार्ग, नदियों का एकीकरण, सागर माला, दूरसंचार सुविधाओं का विकास, ऊर्जा क्षेत्र का विस्तार जैसी दर्जनों योजनाएँ हैं जो अटल जी के कार्यकाल में शुरू हुई और जो आगामी अतीत में भारत को विकसित देशों की पंक्ति में स्थान दिलाने में सफल होंगी।
भारतीय राजनीति को अटल जी का योगदान है-समन्वय की राजनीति, सामंजस्य की राजनीति, मिल- जुलकर राष्ट्रहित में आगे बढ़ने की दिशा देना।
भारतीय राजनीति के खिर पुरुष और पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ओजस्वी कवि और प्रखर वक्ता हैं। उनका जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर, म.प्र. में हुआ। उन्होंने राजनीति-शास्त्र से एम.ए. तक की शिक्षा प्राप्त की तथा एक पत्रकारर के रूप में अपना जीवन शुरू किया। पिछले 55 वर्षों के लंबे कालखंड में उन्होंने भारतीय राजनीति में जो गरिमापूर्ण योगदान दिया वह एक आदर्श रहा है। राष्ट्र के प्रति उनकी समर्पित सेवाओं के लिए सन् 1992 में राष्ट्रपति ने उन्हें ‘पद्म विभूषण’ से विभूषित किया। 1993 में कानपुर विश्वविद्यालय ने उन्हें फिलॉसफी में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की। 1994 में ‘लोकमान्य तिलक पुरस्कार’ दिया गया। 1994 में ‘लोकमान्य तिलक पुरस्कार’ दिया गया। 1994 में में ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ चुना गया और ‘गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कार’ से पुरस्कृत किया गया।
भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष और पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ओजस्वी कवि और प्रखर वक्ता हैं। उनका जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर, म.प्र. में हुआ। उन्होंने राजनीति-शास्त्र से एम.ए. तक की शिक्षा प्राप्त की तथा एक पत्रकार के रपू में अपना जीवन शुरू किया। पिछले 55 वपर्षों के लंबे कालखंड में उन्होंने भारतीय राजनीति में जो गरिमापूर्ण योगदान दिया वह एक आदर्श रहा है। राष्ट्र के प्रति उनकी समर्पित सेवाओं के लिए सन् 1992 में राष्ट्रपित ने उन्हें ‘पद्म विभूषण’ से विभूषित किया। 1993 में कानपुर विश्वविद्यालय ने उन्हें फिलॉसफी में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की। 1994 में ‘लोकमान्य तिलक पुरस्कार’ दिया गया। 1994 में ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ चुना गया और ‘गोविंद बल्लभ पंत पुरस्कार’ से पुरस्कृत किया गया।
अटलजी को ‘कैदी कविराय की कुंडलियाँ’, ‘न्यू डाइमेंशंस ऑफ एशियन फॉरेन पॉलिसी’, ‘मृत्यु या ’हत्या‘, ‘जनसंघ और मुसलमान’, ‘मेरी इक्यावन कविताएँ’, ‘मेरी संसदीय यात्रा’ (चार खंड), ‘संकल्प-काल’ एवं ‘गठबंधन की राजनीति’ जैसी पुस्तकें लिखने का श्रेय प्राप्त है।