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"गौतम अडानी का जन्म बेशक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था, पर आज उनकी गिनती विश्व के चुनिंदा दस अरबपतियों में होती है।
एक सफलतम कारोबारी बनने के इस सफर में गौतम अडानी को यह सफलता कोई आसानी से हासिल नहीं हुई। उन्होंने वर्ष 1998 में अडानी समूह की स्थापना की। इस समय गौतम अडानी का कारोबार कई क्षेत्रों में फैला हुआ है। वे एक तरफ कोयला खनन के क्षेत्र में सबसे बड़े कॉण्ट्रेक्ट माइनर बन गए तो दूसरी तरफ उनके पास देश का सबसे एफिशिएंट कोल बेस्ड पावर प्लांट है, इतना ही नहीं, मुंद्रा बंदरगाह के जरिए उन्होंने पोर्ट सेक्टर में भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा दी है।
तैंतीस वर्षों के अपने व्यापारिक अनुभव के साथ गौतम अडानी अपने परिवार में प्रथम पीढ़ी के उद्यमी हैं। इस समय गौतम अडानी लगभग 10 अरब डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं। उनके पास देश की सबसे बड़ी एक्सपोर्ट कंपनी है। उन्होंने खुद का बीचक्राफ्ट जेट वर्ष 2005 में और हॉकर जेट वर्ष 2008 में खरीदा।
भारत के शीर्ष और चर्चित उद्योगपति की रोचक व प्रेरक जीवन-गाथा।"
हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक महेश दत्त शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में आरंभ हुआ, जब वे हाईस्कूल में अध्ययनरत थे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी से 1989 में हिंदी में स्नातकोत्तर। उसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में कार्य। लिखी व संपादित दो सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाश्य। भारत की अनेक प्रमुख हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक विविध रचनाएँ प्रकाश्य।
हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त, प्रमुख हैं—मध्य प्रदेश विधानसभा का गांधी दर्शन पुरस्कार (द्वितीय), पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलाँग (मेघालय) द्वारा डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति पुरस्कार, समग्र लेखन एवं साहित्यधर्मिता हेतु डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान, नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा लेखन के क्षेत्र में ‘बुंदेलखंड युवा पुरस्कार’, समाचार व फीचर सेवा, अंतर्धारा, दिल्ली द्वारा लेखक रत्न पुरस्कार इत्यादि।
संप्रति : स्वतंत्र लेखक-पत्रकार।