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कामरान खान एक नौजवान उत्साही टैक्सी ड्राइवर है, जो कुछ बड़ा करने के इरादे से मुंबई पहुँचा है। लेकिन उसकी किस्मत तब करवट लेती है, जब वह मिर्ज़ा नाम के एक डॉन को मरने से बचाता है। कभी-कभी जो अच्छा लगता है, वही क्रूरता से छिन भी जाता है। एक झटके में कामरान ने वह सबकुछ खो दिया, जो भी उसका बेहद करीबी था। तभी यह हुआ कि मिर्ज़ा ने कामरान के एहसान के बदले उसे अपने विंग में शामिल कर लिया और यह नौजवान माफिया बॉस की खोज में लगी खतरनाक पुलिस और प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टरों की दुनिया से न केवल वाकिफ होता है, बल्कि घिसटता चला जाता है; साथ ही वह इनपर हावी भी होता जाता है।
कामरान को मिर्ज़ा की फिलॉसफी भी विरासत में मिली थी कि ज़िंदगी की सारी समस्याएँ और उनके हल गालिब की शायरी में छिपे हैं। जल्दी ही मासूम टैक्सी ड्राइवर के चारों तरफ सिपाही, अपराधी, यहाँ तक कि कैबिनेट मंत्री भी उसके इशारे और फोन पर उसके लिए मौजूद थे।
और उसे अपना नया नाम भी मिल गया था—गालिब डेंजर।
नीरज पांडे राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता एक फिल्म निर्माता हैं, जिन्हें ‘ए वेडनसडे’, ‘स्पेशल 26’, ‘बेबी’, ‘एमएस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी’, ‘टॉयलेट : एक प्रेमकथा’, ‘रुस्तम’ तथा ‘अय्यारी’ जैसी लोकप्रिय फिल्मों के लिए अपार ख्याति मिली। यह उनका पहला उपन्यास है।
उन्हें ‘नेशनल फिल्म अवार्ड’ से भी सम्मानित किया जा चुका है।