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यह आत्मकथा एक मध्य-मध्यम वर्गीय परिवार के साधारण से बालक के जीवन का दस्तावेज है, जो पारिवारिक पृष्ठभूमि, आस-पास की दुनिया उसके परिवेश से—जीवन में— ‘कुछ’ बनने के लिए प्रोत्साहित होता है। और इस ‘कुछ’ बनने की प्रक्रिया में और उसकी इस यात्रा में परंपराएँ, वर्तमान परिवेश, भविष्य की आकांक्षाएँ उसे प्रोत्साहित करती हैं तथा वह कामनाओं, परिश्रम, कष्टों, सुखों, दुःखों, सफलताओं, संत्रासों के उन सभी पड़ावों से गुजरता है, जो कहीं-न-कहीं आपके अपने जीवन के अनुभवों और सरोकारों को स्पर्श करते होंगे; यदि ऐसा है तो ऐसे सभी लोगों के लिए यह पुस्तक सुग्राह्य होगी, ऐसा मेरा विश्वास है।
इस पुस्तक में स्थानों, घटनाओं (राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय) तथा व्यक्तित्वों का संदर्भ मिलेगा, जो यद्यपि प्रथम दृष्ट्या असंबद्ध या अटपटा सा लग सकता है, परंतु वे सभी इस दृष्टि से इस वृत्तांत और आख्यान के महत्त्वपूर्ण अंश हैं कि ‘साधारण से बालक’ के व्यक्तित्व निर्माण प्रक्रिया के विभिन्न चरणों मंट इन्होंने उसे विशिष्ट पृष्ठभूमि प्रदान की है; यह सभी इस आख्यान को अविच्छेद्य परिवेश, परिदृश्य तथा परिप्रेक्ष्य प्रदान करते हैं।
श्री नवीन चन्द्र बाजपेई उत्तर प्रदेश काडर 1972 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी हैं। उन्होंने वेल्स विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम से अर्थशास्त्र में परास्नातक (विकास नीति योजना) तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक की डिग्री प्राप्त कीं। 38 वर्ष की लंबी अवधि में उन्होंने उत्कृष्ट व्यावसायिक क्षमता तथा सोद्देश्य कार्यकुशलता का परिचय दिया है।
श्री बाजपेई के पास अरुणाचल प्रदेश प्रशासन में कार्य करने का गहन अनुभव है, जहाँ वह ईस्ट कमेंग तथा लोहित जिलों के जिलाधिकारी थे।
श्री बाजपेई ने उत्तर प्रदेश सरकार के सचिव/प्रमुख सचिव के रूप में वित्त, व्यय नियंत्रण, उच्च शिक्षा, नगर विकास, नियोजन, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी, वन, सूचना प्रौद्योगिकी तथा इलेक्ट्रॉनिक्स, समाज कल्याण आयुक्त तथा कृषि उत्पादन आयुक्त का कार्यभार उत्कृष्ट कुशलता से सँभाला। अप्रैल 2006 से मार्च 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में प्रदेश की आर्थिक प्रगति तथा सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण की विभिन्न योजनाओं को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया।
श्री बाजपेई ने अनेक देशों की यात्रा की है तथा वे साहित्य, नवाचार, सामयिक मामलों, सामयिक विषयों, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी, कल्याण प्रशासन में रुचि रखते हैं।
संप्रति उत्तर प्रदेश राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष।