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छोटी-छोटी बातों पर ध्यान न देने के कारण सामान्य रोग भी भयंकर रूप धारण कर लेते हैं । मामूली सावधानियो से भी हम घातक रोगो के संकट से बच सकते हैं । प्रस्तुत पुस्तक मे जानलेवा रोगों कै कारण एवं निवारण का उल्लेख जन साधारण के लिए बहुत ही सरल भाषा में किया गया है ।
उच्च रक्तचाप को यदि शरू में ही नियंत्रित न किया जाए तो वह हदय, गुर्दा, मस्तिष्क और ऑखो को नुकसान पहुँचा सकता है । यदि उमे शरू से ही नियंत्रित रखा जाए तो व्यक्ति उम्रभर निरोग रह सकता है ।
गुर्दे के रोगों की भी यही बात है । यदि शुरू मे ही कुछ सावधानियाँ बरती जाएँ तो गुर्दे को खराब होने मे बचाया जा सकता है । मधुमेह जैसे रोग से भी हम छोटी-छोटी सावधानियाँ बरतकर जीवनभर के लिए बच सकते है ।
माता-पिता अपने बच्चो को उचित समय पर निरोधी टीका लगवाकर उन्हे अपंग होने तथा अनेक प्रकार की बीमारियो से बचा सकते है ।
नंगे पैर घुमने और खुले मैदान मै शौच करने से कृमि जैसे भयंकर रोग लग जाते हैं । व्यक्तिगत स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, संतुलित भौजन, मदिरा एवं धूम्रपान से परहेज व्यक्ति को स्वस्थ एवं लम्बी आयुवाला बनाते है ।
इम पुस्तक के अध्ययन मे जाने- अनजाने होने वाली उन भूलों मे बचा जा सकता है जिनके कारण कोई भी रोग कभी भी हमे घेर सकता है ।
एम.डी. (मेडिसिन) एफ.ए.सी.सी. (अमेरिका), एफ.आई.एम.एस.ए. एम.एन.ए. एम.एस. एफ.आई.सी.सी.एफ. आई.सी.पी.। पूर्व डायरेक्टर, प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष एवं मुख्य परामर्शदाता काय चिकित्सक यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज और गुरु तेग बहादुर अस्पताल, दिल्ली; पूर्व राष्ट्रपति द्वारा उनके मानद चिकित्सक नियुक्त।
प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष (मेडिसिन) जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एवं रिसर्च, पांडिचेरी; सहप्राध्यापक (मेडिसिन विभाग) मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, लोकनायक जयप्रकाश नारायण व गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज व राम मनोहर लोहिया अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक एवं इकाई अध्यक्ष; वरिष्ठ परामर्शदाता, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली; प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, संतोष मेडिकल कॉलेज, गाजियाबाद। वर्तमान वरिष्ठ परामर्शदाता मेडिसिन अपोलो क्लीनिक व इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर, वसंत कुंज, नई दिल्ली।
मेडिकल साइंस से संबंधित पचास से भी अधिक शोधपत्र, राष्ट्र की एसोसिएशन फिजिशियंस द्वारा प्रकाशित अपडेट पुस्तकों में आलेख। राष्ट्र के अनेक हिंदी व अंग्रेजी दैनिकों/ साप्ताहिकों में अनगिनत स्वास्थ्य लेख लिखे। हिंदी दैनिक ‘हिंदुस्तान’ में पाँच वर्ष से अधिक से साप्ताहिक फीचर ‘आरोग्य धारा’, ‘हैलो डॉक्टर’ का संपादन किया।