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वर्ष 2020 में दिल्ली में आयोजित 12वें गज़ल कुंभ’ की चर्चा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में रही। मुझे अति प्रसन्नता है कि गज़ल कुंभ-2020’ में पढ़ी गई गज़लों का यह संकलन प्रकाशित होकर गज़ल-प्रेमी पाठकों को उपलब्ध हो रहा है। विगत वर्ष 2021 में कोरोना काल की त्रासदी के कारण गज़ल कुंभ’ आयोजित नहीं हो सका था। अब परिस्थितियाँ कुछ सामान्य हो जाने पर 2022 में आयोजित होनेवाले इस गज़ल कुंभ’ की सफलता के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ। भागमभाग वाले आज के व्यस्त एवं त्रस्त जनजीवन में जहाँ इंसान सि़र्फ अपने तक ही सीमित होकर रह गया है, ऐसे माहौल में इस प्रकार के आयोजन, जिनमें देश-विदेश से पधारे सैकड़ों साहित्यकार मिल-बैठकर आपस में साहित्यिक चर्चा करें, एक-दूसरे के सुख-दुख साझा करें, सच में अद्भुत एवं प्रशंसनीय कार्य है। श्री दीक्षित दनकौरी के अथक परिश्रम एवं उनकी पूरी टीम के सहयोग के कारण ही यह आयोजन संभव हो पाता है। गज़ल कुंभ’ में पधारे सभी शायरों, सम्मानित अतिथियों और ़गज़ल-प्रेमियों को नववर्ष 2022 की हार्दिक शुभकामनाएँ।
—बसंत चौधरी
1 जनवरी, 2022
दीक्षित दनकौरी
(मूल नाम : भुवनेश्वर प्रसाद दीक्षित)
संयोजक : गज़ल कुंभ।
सैक्रेट्री : अंजुमन फरो़ग-ए-उर्दू (रजि.), दिल्ली।
आकाशवाणी, दूरदर्शन, विभिन्न टी.वी. चैनलों एवं पाकिस्तान, इंग्लैंड, त्रिनिनाड, टोबेगो, मॉरीशस, केन्या, नेपाल सहित देश-विदेश के हज़ारों कवि सम्मेलनों/ मुशायरों/गोष्ठियों/नशिस्तों में गज़ल पाठ, संचालन, संयोजन।
प्रकाशित कृतियाँ :
• गज़ल संग्रह ‘डूबते वक्त...’ (5 संस्करण)।
• गज़ल साधक दीक्षित दनकौरी।
संपादन :
• ‘गज़ल दुष्यंत के बाद’ के 3 खंड, ‘हिंदी गज़ल यानी’, ‘गज़ल कुंभ 2018’, ‘गज़ल कुंभ 2019’, ‘चल गोरी दोहापुराम’ (बेकल उत्साही का दोहा-संग्रह)। रमेश तनहा, जमील हापुड़ी, मुज़़फ़्फर हऩफी, विजेंद्र सिंह ‘परवाज़’,
अशोक रावत, शैलजा नरहरि, गोविंद गुलशन, मधुप मोहता, बसंत चौधरी सहित लगभग 20 शायरों/कवियों की गज़लों/रचनाओं का संपादन।
सह संपादन :
• ‘हिंदुस्तानी गज़ल’ (सं. कमलेश्वर)
• ‘दोहों की चौपाल’ (सं. कृष्ण कुमार नाज़)
प्रकाशनाधीन गज़ल-संग्रह : ‘या तो कुबूल कर’।
प्रसार भारती से अनुबंधित।
देश-विदेश की लगभग 150 साहित्यिक/अदबी संस्थाओं द्वारा सम्मानित/ पुरस्कृत।
फोन : 9899172697 श्र् इ-मेल : dixitdankauri@gmail.com