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Gita Vatika ke Chune Huye Pushp by Gita Manishi Pujya Swami Gyananandji Maharaj   

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Features
  • ISBN : 9789355623447
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • 9789355623447
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2024
  • 120
  • Soft Cover
  • 150 Grams

Description

मनुष्य जीवन दुर्लभ है, अनमोल है। इसका महत्त्व समझे। जीवन अशुभता का करीषचय (गन्दगी का ढेर) न बनने दे, जहाँ से दुष्वृत्तियों, दुर्गुण दुर्भाव एवं दुर्व्यव सनों की दुर्गन्ध - दुर्बास आये।

आओ, प्रवेश करें गीता वाटिका में। विभिन्न भावों के चुने हुए पुष्पों की सुन्दर-सुबासित माला-स्वीकार करें धारण करने का मन बनायें; अवश्य ही अनुभव होगी सद‌विचार, सद्‌गुण एवं सत्कर्म - सद्भाव की प्रेरक सुबास, जगेगा दृढ़ आत्म विश्वास; ज्ञान'. का प्रकाश, 'आनन्द' का उल्लास; आओ जी ओगीता' भावों के साथ पाओ दिव्य 'श्री कृष्ण कृपा सौगात ।

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