Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Grihdah   

₹350

Out of Stock
  We provide FREE Delivery on orders over ₹1500.00
Delivery Usually delivered in 5-6 days.
Author Sarat Chandra Chattopadhyay
Features
  • ISBN : 9789352662678
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more

More Information

  • Sarat Chandra Chattopadhyay
  • 9789352662678
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2022
  • 280
  • Soft Cover
  • 250 Grams

Description

महिम का परम मित्र था सुरेश। एक साथ एम.ए. पास करने के बाद सुरेश जाकर मेडिकल-कॉलेज में दाखिल हुआ; लेकिन महिम अपने पुराने सिटी-कॉलेज में ही रह गया। सुरेश ने रूठे हुए सा कहा, महिम, मैं बार-बार कह रहा हूँ--बी.ए., एम.ए. पास करने से कोई लाभ न होगा। अब भी समय है, तुम्हें भी मेडिकल-कॉलेज में भरती हो जाना चाहिए। महिम ने हँसते हुए कहा, 'हो तो जाना चाहिए; लेकिन खर्च के बारे में भी तो सोचना चाहिए! खर्च भी ऐसा क्या है कि तुम नहीं दे सकते ? फिर तुम्हारी छात्रवृत्ति भी तो है। महिम हँसकर चुप रह गया

 

The Author

Sarat Chandra Chattopadhyay

Customers who bought this also bought

WRITE YOUR OWN REVIEW