₹350
"जब देश स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब यह आवश्यक हो जाता है कि जिनके कारण हम स्वाधीन हुए, हम उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करें, उन्हें स्मरण करें। भारत में औपनिवेशिक शासन के खिलाफ लड़ाई एक अनूठी कथा का गठन करती है, जो हिंसा से प्रभावित नहीं होती है, बल्कि एक कथा जो वीरता, बहादुरी, सत्याग्रह, समर्पण और सर्वस्व बलिदान की विविध कहानियों से भरी है।
हमारे स्वतंत्रता संग्राम के भूले हुए नायकों को स्मरण करने का यह एक विनम्र प्रयास है, जिनमें से कई प्रसिद्ध हो सकते हैं, लेकिन नई पीढ़ी के लिए प्रायः अज्ञात हैं | अतीत की धुँधली स्मृतियों के रूप में पड़ी कहानियों को फिर से रचने और सामने लाने का उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और प्रोत्साहन का माध्यम बनेगा।
राष्ट्र पर अपना सर्वस्व बलिदान करनेवाले हुतात्माओं का पुण्य-स्मरण हर भारतीय का पुनीत कर्तव्य है-यह पुस्तक इन राष्ट्राभिमानियों के प्रति श्रद्धासुमन है।"