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मृत्युंजय भारत क्या होता है? मृत्युंजय भारत वह वास्तविक रूप से सारे दुनिया को सही दिशा देनेवाला, कभी भी समाप्त न होनेवाला, ऐसा अगर कोई राष्ट्र है तो वह भारत राष्ट्र है। इसका कई प्रकार के शब्दों में वर्णन किया गया है।
भारत का चिंतन क्या है, विकास के संदर्भ में हमारी सोच क्या है, एक बात ध्यान में आती है कि सभी ने केंद्र में किसे रखा है? विकास का विचार करते हैं तो सभी ने मनुष्य को केंद्र में रखा है। जब हम सुख-समृद्धि, समाधान की बात करते हैं, तो उसमें व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह, यह उसके केंद्र में, उसके चिंतन में मौजूद है। उसके विकास की कोई सीमा ही नहीं है, वह असीमित है।
हम भूमि की पूजा करते हैं, हम नदियों की पूजा करते हैं, हम भवायु के रूप में भगवान् की पूजा करते हैं, हम पेड़-पौधों की पूजा करते हैं। यह क्या है सब। पागलपन नहीं है। इस पूजा भाव के साथ हमारे यहाँ संस्कार देने की बात आती है कि इनकी बड़ी कृपा है हमारे ऊपर।
—इसी पुस्तकसे
सुरेश सदाशिव जोशी उपाख्य ‘भय्याजी’
मूलतः इंदौर निवासी। शिक्षा मुंबई में हुई।
तदुपरांत 1975 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रचारक जीवन प्रारंभ।
दीर्घकाल तक महाराष्ट्र प्रांत में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया। पश्चिम क्षेत्र एवं अखिल भारतीय सेवा प्रमुख रहे। 2003 से 2009 तक मा. सह-सरकार्यवाह रहे।
2009 से मा. सरकार्यवाह के नाते मार्गदर्शन कर रहे हैं।
हिंदू संगठन हेतु विश्व भर में प्रवास करते हैं।