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सूर्य, ग्रह, उपग्रह, लघु ग्रह, धूमकेतु, उल्का तथा अपनी सूर्यमाला के अन्य कई कंकड़-पत्थर आदि के बारे में बच्चों के साथ संवाद रूप में सचित्र जानकारी । इस पुस्तक में आप पढ़ेंगे-पृथ्वी, चंद्रमा, ग्रह आदि पिंडों की कक्षाएँ; उनका अवलोकन कैसे करें; उनका द्रव्यमान, आकार, वातावरण; सूर्य का पर्यावरण तथा किरीट; शनि तथा अन्य ग्रहों के वलय; वॉयजर, गैलीलियो तथा यूलिसिस अंतरिक्ष यानों के बारे में जानकारी । वक्री ग्रह क्या होता है? पृथ्वी तथा सूर्य के अंतरंग का शोध कैसे लिया जाता है? अन्य ग्रहों के बारे में जानकारी कैसे प्राप्त होती है? पूर्व रात्रि की अपेक्षा उत्तर रात्रि में अधिक ' टूटे तारे ' क्यों नजर आते हैं? रेडियो खगोल विज्ञान क्या होता है? इस क्षेत्र में आगे शोधकार्य की दिशा क्या होगी? ये तथा ऐसे अन्य कई प्रश्नों के उत्तर । युति, प्रतियुति, वसंत संपात, सौर दिवस, सौर मास, तारों के सापेक्ष दिन तथा मास, क्रांतिवृत्त, संक्रमण आदि कई तांत्रिक शब्दों का सरल अर्थ
पुणे विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग में 1984 से प्राध्यापक पद पर तथा 1997 से विभाग प्रमुख पद पर; पुणे की राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला में 1963 - 66 पी-एच.डी. के लिए कार्य, तत्पश्चात् मुंबई में टाटा मूलभूत अनुसंधान केंद्र, ब्रिटेन के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय तथा लिव्हरपूल विश्वविद्यालय, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ तथा शिमला में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में 1984 तक कार्य किया । आपने रूस, पाकिस्तान, मलेशिया, इंडोनेशिया व चीन आदि देशों में वैज्ञानिक संगोष्ठियों में भाग लिया । गणितीय भौतिकी पर आपकी लिखी दो पुस्तकें देश-विदेश में पहुँचीं तथा अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक पत्रिकाओं में उनके अच्छे परीक्षण छपे । आपकी एक पुस्तक का चीनी भाषा में भाषांतर किया गया । आजकल आपने अपना ध्यान शालेय स्तर से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक भौतिक विज्ञान शिक्षा की ओर केंद्रित किया है । गहन वैज्ञानिक सिद्धांतों को आपने भारतीय भाषाओं में सरल रूप से प्रस्तुत किया । विज्ञान, शिक्षा एवं प्रशिक्षण पर आपने कई प्रकल्प चलाए हैं ।