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एक्यूप्रेशर थेरैपी की सबसे खूबसूरत बात यह है कि इसमें दवाओं की कोई भूमिका नहीं होती और न ही इसका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव होता है। इसके अलावा इसमें किसी प्रकार की चीरफाड़ नहीं करनी पड़ती, न ही डॉक्टर की जरूरत होती है और यह गैरपारंपरिक है।
इस पुस्तक में लेखकों ने केस स्टडी के जरिए बीमारियों के बारे में समझाया तथा बताया है। इनमें भी कुछ ऐसी बीमारियाँ थीं, जो काफी लंबे समय से जड़ें जमाए बैठी थीं। ऐसे मुश्किल मामलों का उपचार करते हुए लेखकों को भी यह पक्का भरोसा नहीं था कि इसका परिणाम क्या निकलेगा! इन केस स्टडी को साझा करने का लेखकों का मकसद अन्य थेरैपिस्ट के साथ अपने ज्ञान को साझा करना, साथ ही उन छात्रों के साथ अपने अनुभवों को बाँटना है, जो एक्यूप्रेशर का अध्ययन कर रहे हैं। सबसे अधिक संतुष्ट करने की बात यह है कि लेखकों ने एक पद्धति के दूसरी पद्धति पर प्रभुत्व की वकालत करने की बजाय सहप्रबंधन के महत्त्व पर जोर दिया है।
यह कहने की जरूरत नहीं है कि यह पुस्तक एक्यूप्रेशर के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान देगी और पाठकों द्वारा सराही जाएगी।
डॉ. प्रीति पई के लेडी हार्डिंग मैडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सलाहकार के रूप में काम कर रही हैं। वे अनेक शोध परियोजनाओं से भी जुड़ी रही हैं, उन्होंने नई दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मनोरोग मरीजों एवं जी.टी.बी. अस्पताल के यू.सी.एम.एस. में हृदय (सी.ए.डी.) मरीजों के लिए विशेष चिकित्सा एवं शोध करने में उल्लेखनीय योगदान किया है। विगत अनेक वर्षों में उन्होंने 6500 से भी ज्यादा मरीजों का एक्यूपंचर एवं एक्यूप्रेशर द्वारा सफलतापूर्वक उपचार किया है।
डॉ. ए.के. सक्सेना का एक्यूप्रेशर से परिचय करीब 27 साल पहले एलोपैथिक फिजीशियन डॉ. दिलीप सक्सेना ने कराया था। उन्होंने इस पद्धति के जरिए अपने परिवार और मित्रों का इलाज करना शुरू किया। परिणाम बेहद उत्साहजनक रहे। रोटरी क्लब ऑफ इंडिया, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, यू.एन.डी.पी. (यू.एन.डब्ल्यू.ए.) आदि संस्थाओं ने डॉ. सक्सेना को मानव शरीर को राहत पहुँचाने का संदेश जनता तक पहुँचाने के लिए मंच उपलब्ध कराया। वे कई प्रतिष्ठित अस्पतालों से जुड़े रहे हैं। अब तक उन्होंने समाज के तमाम वर्गों के 25,000 से ज्यादा मरीजों का सफलतापूर्वक उपचार किया है, जो अलगअलग बीमारियों से पीडि़त थे। उन्होंने सैकड़ों लोगों को एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति अपनाने का प्रशिक्षण भी दिया है।