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Author Archana Painuly
Features
  • ISBN : 9789386054821
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : First
  • ...more

More Information

  • Archana Painuly
  • 9789386054821
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • First
  • 2018
  • 192
  • Hard Cover

Description

नारी-विमर्श अपने आप में साहित्य में एक महत्त्वपूर्ण विधा रही है। स्त्रा्वादी साहित्य महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों को परिभाषित तथा नारीवादी लक्ष्यों का समर्थन करता है। 
नारी-विमर्श पर आधारित संकलन की ये बारह कहानियाँ विविध नारी पात्रों को लेकर बुनी गई हैं, जो एक तरफ समकालीन जीवन के जटिल और क्रूर यथार्थ को चिह्नित करती हैं तो दूसरी तरफ स्त्रा्-जीवन के विभिन्न पक्षों को उद्घाटित करती हैं। समाज के प्रत्येक वर्ग की स्त्रा् के जीवन को प्रस्तुत करती हैं ये कहानियाँ। एक व्यापक भूमंडल को आच्छादित किए इन कहानियों में मानव जीवन के कई रंग बिखरे हुए हैं। पाठकों को भिन्न-भिन्न परिवेश में जी रही महिलाओं के जीवन से रूबरू करवाती, हमारी पारंपरिक सोच और रूढ़िवादी विचारों को झकझोरती ये कहानियाँ अत्यंत सजीव हैं। 
अहं, अन्याय, अकेलापन, विमुखता, प्रतिरोध, यंत्रणा, वेदना, लाचारी...तमाम अंतर्द्वंद्वों से जूझती, स्वयं के लिए सही संतुलन प्राप्त करने के लिए संघर्ष करती इन कहानियों की दमदार महिलाएँ पाठकों को प्रेरणा प्रदान करती हैं। 
पारिवारिकता और सामाजिकता की ये कहानियाँ नारी-सशक्तीकरण परिवेश का सशक्त स्वर हैं।

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अनुक्रम

रोचकता कभी भंग नहीं होती—5

विभिन्न समाजों में नारियाँ—9

1. अनुजा—13

2. वह उसे क्यों पसंद करती है?—28

3. हाईवे E 47—40

4. मही क्या कहेगी?—56

5. अगर वह उसे माफ कर दे?—74

6. कठिन चुनाव—88

7. मीरा बनाम सिलविया—107

8. लक्ष्मी—117

9. काश... 134

10. खुलकर कहूँगी कि मैं गे हूँ—154

11. मुख्यमंत्री की पत्नी—165

12. गॉडमदर—178

The Author

Archana Painuly

अर्चना पैन्यूली
जन्म : मई, 1963।
शिक्षा : आरंभिक जीवन एवं शिक्षा-दीक्षा देहरादून में। 1988-1997, मुंबई, माध्यमिक स्कूलों में अध्यापन एवं लेखन। सितंबर 1997 से डेनमार्क प्रवास। 
लेखन : डेनिश लेखिका कारेन ब्लिकशन की रचनाओं का हिंदी में रूपांतरण; प्रथम उपन्यास ‘परिवर्तन’ 2003 में; द्वितीय बहुचर्चित उपन्यास ‘वेयर डू आई बिलांग’ 2010 में; 2014 में ‘वेयर डू आई बिलांग’ का अंग्रेजी अनुवाद; तृतीय उपन्यास ‘पॉल की तीर्थयात्रा’ 2015 में प्रकाशित; फेमिना सर्वे द्वारा वर्ष 2016 के दस सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों में घोषित; 2018 में प्रकाशित ‘हाईवे E47’।  
सम्मान : साहित्यिक संस्था धाद महिला मंच, देहरादून; इंडियन कल्चरल एसोशिएशन, डेनमार्क द्वारा प्रेमचंद पुरस्कार; इंडियन कल्चरल सोसाइटी, डेनमार्क द्वारा स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्राइड ऑफ इंडिया सम्मान; राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त मैमोरियल ट्रस्ट द्वारा राष्ट्रकवि प्रवासी साहित्यकार पुरस्कार। रचनाओं पर विश्वविद्यालय के हिंदी विद्यार्थियों द्वारा शोध।
संप्रति : एन.जी.जी. इंटरनेशनल स्कूल, डेनमार्क में अध्यापन।
पता : Islevhusvej 72 B Bronshoj, Copenhagen, Denmark
इ-मेल : apainuly@gmail.com 
वेबसाइट : www.archanap.com

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