₹450
मैं चुप रहा। वह बोलता गया-“तुम ऐसा करो, बेनीपुरी का जो 'मोनोग्राफ' तुम तैयार कर रहे हो, उसके लिए तुम सच्चाई की कल्पना के 'मोड' (Mode) में जाओ। खुद बेनीपुरी ने अपने बारे में जो कुछ लिखा और दूसरे समकालीनों ने उनके बारे में जो लिखा, उसको पढ़ो और देखो। पढ़कर देखने और पढ़ते-पढ़ते देखने का प्रयोग करो। माने यह कि तीन में से दो कारक तत्त्व-'देश' और 'काल'–को बारीबारी से स्थिर करते हुए पात्र' (बेनीपुरी) की मानसिक क्रियाओं के बॉडी लैंग्वेज' में या फिर बॉडी की क्रियाओं के मानसिक लैंग्वेज में हुए और हो सकनेवाले बदलाव (विकास) का तुलनात्मक अध्ययन करो! इस अभ्यास के आधार पर उनके कार्य और कार्य करने के प्रोसेस का ‘रीफ्रेमिंग' करो। फिर देखो, तुम्हें बेनीपुरी के पत्रकार बनने के कई रहस्य मालूम हो जाएँगे। वही लिखो। इसे पढ़कर कोई भी युवा सफल
और श्रेष्ठ पत्रकार बनने के गुर जान सकेगा और अपने में पत्रकार का हुनर विकसित करने के लिए अपना गुरु आप बन सकेगा। तब पत्रकार बनना चाहनेवाला हर विद्यार्थी तुम्हारी किताब को खरीदेगा ही, इसलिए वह निरंतर छपती रहेगी।
-इसी पुस्तक से
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अनुक्रम
हैंडकैमरा के डिजिटल शॉट्स —Pgs 5
1. ‘बालक’ रामवृक्ष —Pgs 15
• मनमौजी : बाढ़ का बेटा —Pgs 15
• कील-काँटी —Pgs 18
• विशारद —Pgs 20
• झेंपू —Pgs 22
• पहली कविता : नई प्रेरणा —Pgs 24
• स्कीम —Pgs 27
• गांधी की आँधी —Pgs 28
• ‘स्व’ की प्राप्ति —Pgs 31
• कलम थामने का संकल्प —Pgs 34
• तरुण भारत —Pgs 36
• किसान मित्र —Pgs 40
• गोलमाल —Pgs 43
• बालक —Pgs 44
• सफलता का शिखर : इस्तीफा —Pgs 47
• स्वाधीनता की कीमत —Pgs 48
• द्वंद्व का झूला : मकड़ी का जाला —Pgs 50
• निराशा का कर्तव्य : पत्रकारिता की आशा —Pgs 52
2. जादू की कलम —Pgs 55
• लागल करेजवा में चोट —Pgs 55
• प्रथम पाठ —Pgs 57
• स्टोरी लिखो, कहानी रचो —Pgs 60
• सफलता और सार्थकता —Pgs 63
• लिखो, लिखो, लेखक बनो —Pgs 64
• कॉमा-फुलस्टॉप बोले —Pgs 67
• शब्दों में आवाज —Pgs 68
• लेखन के स्टेप्स —Pgs 75
• पत्रकारिता का मॉडल —Pgs 77
3. ‘युवक’ रामवृक्ष —Pgs 79
• ढाक के तीन पात —Pgs 79
• आश्रम —Pgs 80
• मस्ती और धूम —Pgs 81
• ये है राजनीति —Pgs 82
• इंतिहा —Pgs 87
• यह सिर पर नाचना हुआ —Pgs 88
• विप्लव —Pgs 89
• पहली गिरफ्तारी —Pgs 91
• हँसो, हँसो, खूब हँसो, : जेल में आईना नहीं —Pgs 93
• जंजीरें और दीवारें —Pgs 95
• कैदी —Pgs 97
• आत्महत्या का करंट —Pgs 99
• क्रांतिकारी पत्रकारिता की कीमत —Pgs 100
• समाजवादी राजनीति के पथ पर —Pgs 102
• भूकंप से पहले झटका —Pgs 104
• राजनीति का असली हीरो मिला —Pgs 106
• पहली बार बिहार से बाहर —Pgs 108
• कर्मवीर बना योगी —Pgs 112
4. कलम का जादू —Pgs 116
• तब नाम गुम न होगा —Pgs 116
• पत्र-उद्योग बनाम स्वाधीन पत्रकारिता —Pgs 118
• कलम बनाम पिस्तौल —Pgs 119
• आत्महीनता पर अंकुश —Pgs 121
• पत्रकारिता और राजनीति —Pgs 123
• शैली का स्रोत —Pgs 125
• पत्रकारिता और साहित्यकारिता —Pgs 126
• पहला उपन्यास : पतितों के देश में —Pgs 129
• आत्मकथा के विरुद्ध —Pgs 130
5. ‘जनता’ रामवृक्ष —Pgs 134
• जनता के बीच : जनता के साथ —Pgs 134
• किसानों की लाठी —Pgs 137
• रिलीज ऑर रिजाइन —Pgs 138
• मजदूरों की साथी —Pgs 139
• कांग्रेसियों का देवासुर संग्राम —Pgs 142
• कामयाबी के ख्वाबों की कीमत —Pgs 144
• महासमर की आहट —Pgs 146
• ‘जनता’ पहुँची नेपाल —Pgs 147
• सुभाषचंद्र बोस का आगमन —Pgs 148
• येई रणबाजा बाजे घननन् —Pgs 151
• रामगढ़ कांग्रेस : राम-राम —Pgs 153
• भ्राम्यमान विविधान लोकान —Pgs 158
• तूफान —Pgs 161
• फरारी का जश्न —Pgs 162
• दब गई ‘जनता’ —Pgs 165
• चुनाव के चक्कर में —Pgs 168
• नेता-पछाड़ चुनाव —Pgs 174
6. जादू है, जादूगरी नहीं —Pgs 183
• जादू की हकीकत —Pgs 183
• सच का जादू —Pgs 184
• पहला नाटक : सृजन की शर्त —Pgs 185
• सपने, कल्पना, यादें —Pgs 196
• नए लेखकों से —Pgs 197
• पत्रकार : सच्चा दुर्जन —Pgs 200
• साहित्यकार की क्राइम रिपोर्टिंग —Pgs 202
• कुमारी-संभाषण —Pgs 203
• गोलघर —Pgs 207
7. चंद सतरें और —Pgs 214
• डायरी बोलती है —Pgs 214
8. अंत का अनंत —Pgs 223
• अनंतिम —Pgs 225
जन्म : 24 अक्तूबर, 1949 को जमशेदपुर (झारखंड) में। शिक्षा : तेलुगु ने खड़ा किया, हिंदी ने चलना सिखाया। मेकैनिकल इंजीनियरिंग, बी.आई.टी., सिंदरी (धनबाद)। विगत पच्चीस वर्षों से पत्रकारिता और साहित्यकारिता। संप्रति : लेखन, संपादन और पत्रकारिता।