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"हिंदू धर्म की दैवीय कहानियाँ
इक्कीसवीं सदी में हमारे जीवन को समझाने के लिए भारत के मिथकों और किंवदंतियों के समृद्ध खजाने से शानदार कहानियाँ प्रस्तुत की हैं। कहानियों को विभिन्न विषयों में बाँटा गया है, जैसे अप्सरा, जो प्राचीन ग्रंथों में महिलाओं के निरूपण पर चिंतन है; कर्म, न्याय, और हड़पना या आदान-प्रदान, जो दरशाती हैं
कि कैसे प्राचीन शास्त्रों ने न्याय के हमारे आधुनिक आदर्शों को आकार दिया है; असीम, बिना किसी शर्त का प्रेम, जो उस समानता की खोज करता है, जो दो प्रेमियों के बीच मौजूद होना चाहिए; और देव तथा असुर, जो दरशाती है कि कैसे सही और गलत का द्विगुण काले और सफेद जितना स्पष्ट नहीं है । लेखक के वेबकास्ट 'टीटाइम टेल्ज' से उत्पन्न कहानियों का यह संग्रह उनकी अनूठी शैली में लिखा गया है और पौराणिकता हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करती है, इस पर प्रकाश डालता है।
देवदत्त पटनायक पेशे से चिकित्सक हैं। वे काफी समय से नेतृत्व, उद्यमशीलता, ब्रांडिंग और प्रबंधन से संबंधित मामलों में पौराणिक कथाओं की प्रासंगिकता पर विस्तार से व्याख्यान देते हैं। इस समय के फ्यूचर ग्रुप में मुख्य विश्वास अधिकारी और संस्कृति सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं, स्टार टी.वी. और अनेक टी.वी. चैनलों के लिए वे सलाह देते हैं। युवा वर्ग के लिए उन्होंने 25 पुस्तकें और 400 से अधिक लेख लिखे हैं। भारत में वे भारतीय पौराणिक ग्रंथों के माध्यम से मैनेजर को प्रबंधन के कौशल-मंत्र सिखाने वाले जादूगर हैं।