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आज भारत के राजनीतिक परिवेश में चारों ओर संकट दिखाई दे रहा है। देश में भ्रष्टाचार चरम पर है। धर्म-जाति के नाम पर वोट पाने हेतु राष्ट्रीय हितों को तिलांजलि दी जा रही है। छद्म धर्म-निरपेक्षता के नाम पर संप्रदायवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है।
आज के इस कलुषित वातावरण में हिंदुत्व की अप्रतिम जीवन-शैली को अपनाकर ही समाज में एक जन-जागरण पैदा किया जा सकता है, जिससे अपने संकीर्ण मतभेदों से ऊपर उठकर एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण हो सके।
जीवनपर्यंत राष्ट्रवाद की राजनीति के आदर्शों पर चलनेवाले वरिष्ठ राजनेता पं. कलराज मिश्र ने हिंदुत्व की परंपराओं, वेद, पुराणों और स्मृतियों के माध्यम से सभी समस्याओं का हल खोजने का प्रयास किया है। इस पुस्तक में सम्मिलित अनेक आध्यात्मिक गुरुओं, राजनेताओं, लेखकों के मर्मस्पर्शी लेख बालविवाह, जातिप्रथा, टूटते परिवार, भ्रष्टाचार, महिलाओं के प्रति दुराचार जैसी बुराइयों को दूर करने में अवश्य सफल होंगे।
हिंदुत्व की व्यापक अवधारणा, उसकी अप्रतिम जीवन-शैली, उसकी संस्कृति का दिग्दर्शन कराती एक श्रेष्ठ कृति।
पं. कलराज मिश्र पिछले पाँच दशक से भारतीय राजनीति में सक्रिय हैं। राष्ट्रवाद व समरसता हेतु एकात्म मानववाद उनकी राजनीतिक आस्था के मूल मंत्र रहे हैं। सन् 2014 में श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एन.डी.ए. सरकार के गठन के पश्चात् वे केंद्र सरकार में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्री बनाए गए। मंत्री के रूप में उनके मार्गदर्शन में एम.एस.एम.ई. सेक्टर ने अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त कीं। उनका सदैव यह प्रयास रहा कि एम.एस.एम.ई. सेक्टर के विकास हेतु सरकार की नीतियाँ व कार्यक्रम देश के दूर-दराज के उपेक्षित क्षेत्रों में रह रहे लोगों तक पहुँचें। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें जुलाई 2019 में हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल मनोनीत किया गया।
स्वभाव से सरल व मृदुभाषी मिश्रजी अपने लेखन के माध्यम से देश की आर्थिक एवं सामाजिक समस्याओं पर आवाज उठाते रहे हैं। उनके द्वारा लिखित पुस्तकें ‘Judicial Accountability’ व ‘हिंदुत्व : एक जीवन शैली’ काफी लोकप्रिय रही हैं।