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Hockey Ke Jadugar Major Dhyanchand   

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Author Rachna Bhola 'Yamini'
Features
  • ISBN : 9789390825684
  • Language : Hindi
  • Publisher : Prabhat Prakashan
  • Edition : 1st
  • ...more
  • Kindle Store

More Information

  • Rachna Bhola 'Yamini'
  • 9789390825684
  • Hindi
  • Prabhat Prakashan
  • 1st
  • 2019
  • 128
  • Hard Cover
  • 175 Grams

Description

हॉकी सम्राट्’ और ‘हॉकी के जादूगर’ जैसे विशेष्ाणों से विभूष्ात मेजर ध्यानचंद का नाम किसी के लिए भी अपरिचित नहीं है। बचपन में उनमें एक खिलाड़ी के कोई लक्षण नहीं थे, इसलिए कह सकते हैं कि उनमें के खेल की प्रतिभा जन्म जात नहीं थी।उन्होंने अपनी सतत साधना, लगन, अभ्यास, संकल्प व संघर्ष के माध्यम से इस खेल में दक्षता अर्जित की और विश्व के सर्वोत्तम हॉकी खिलाडि़यों की सूची में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में लिखा लिया।

ध्यानचंद हॉकी के खेल में एक सेंटर फॉरवर्ड के रूप में जाने जाते थे और उनकी इस अद्भुत खेल प्रतिभा ने भारत को एक अलग ही मुकाम पर पहुँचा दिया था। वे तीनों बार उस भारतीय ओलंपिक टीम के सदस्य थे, जो अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर लाई। विदेशी जब उन्हें खेलते देखते तो वाह-वाह कर उठते। वे लगभग 25 वर्षों तक विश्व हॉकी के शिखर पर छाए रहे।

मेजर ध्यानचंद की प्रेरक जीवनगाथा, जो हर खेल-प्रेमी और खिलाड़ी को समान रूप से प्रेरित करेगी और उनमें खेलों के प्रति जुनून पैदा करेगी।

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अनुक्रम

एक परिचय — Pgs. 5

1. ध्यानसिंह से मेजर ध्यानचंद — Pgs. 11

2. पहली विदेश-यात्रा — Pgs. 15

3. उज्ज्वल भविष्य की ओर — Pgs. 21

4. एम्सटर्डम ओलंपिक : एक नया इतिहास — Pgs. 26

5. 1928—स्वर्णिम कीर्ति — Pgs. 31

6. 1932—लॉस एंजेल्स — Pgs. 42

7. ओलंपिक टीम का गठन — Pgs. 46

8. रोचक समुद्री यात्रा — Pgs. 50

9. अलोहा-अलोहा — Pgs. 54

10. सन् 1932 की ओलंपिक विजय — Pgs. 56

11. मेरियन क्रिकेट मैदान — Pgs. 61

12. ध्यानचंदजी की दुविधा — Pgs. 64

13. ओलंपिक टीम की भारत वापसी — Pgs. 68

14. झाँसी की सुखद स्मृतियाँ — Pgs. 70

15. हॉकी टीम की कप्तानी — Pgs. 74

16. जीत नहीं थी आसान — Pgs. 78

17. न्यूजीलैंड की बराबरी — Pgs. 82

18. बर्लिन ओलंपिक की कप्तानी — Pgs. 86

19. टीम का चयन — Pgs. 89

20. रनपुरा से यात्रा का आरंभ — Pgs. 93

21. बर्लिन ओलंपिक 1936 — Pgs. 96

22. अभ्यास मैच ने दिया सबक — Pgs. 99

23. बर्लिन ओलंपिक का उद्घाटन — Pgs. 102

24. तिरंगे ने दी प्रेरणा — Pgs. 105

25. भारत व जर्मनी का निर्णायक मैच — Pgs. 108

26. बर्लिन ओलंपिक समापन समारोह — Pgs. 113

27. बर्लिन ओलंपिक से भारत वापसी — Pgs. 116

28. अफ्रीकी दौरा — Pgs. 119

29. जीवन के अंतिम दिन — Pgs. 121

30. सम्मान एवं पुरस्कार — Pgs. 124

The Author

Rachna Bhola 'Yamini'

शिक्षा : एम.ए. (हिंदी), पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा।
रचना-संसार : जीवनी साहित्य पर बीस पुस्तकें, लगभग 45 पुस्तकों का अंग्रेजी से अनुवाद; उल्लेखनीय पुस्तकें—‘प्रयास’ (लघुकथा-संग्रह), ‘याज्ञसेनी’ (उपन्यास); क्या है विदुर नीति में, हमारे प्रेरणा-स्रोत, भारतीय संतों की अमर गाथा, गृहिणी—एक सुपर वूमन, जयंतियाँ और दिवस, विशाल भारत की लोककथाएँ, महान् भारतीय संस्कृति, विशाल भारत को जानें, विशाल भारत के राष्‍ट्रपति व प्रधानमंत्री, भक्‍तजननि माँ शारदा, ईश्‍वरचंद्र विद्यासागर, भगिनी निवेदिता, मैडम भीकाजी कामा, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, शिरडी के साईं बाबा (जीवनियाँ); हिंदुत्व, पत्र और पत्रकारिता, प्रदूषण-मुक्‍त पर्यावरण, हिंदी पत्रकारिता, नॉस्‍‍त्रेदेमस की विचित्र भविष्यवाणियाँ, तिल रहस्य व हाव-भाव विचार (विविध विषय); रामायण व महाभारत की प्रेरक, पौराणिक व शिक्षाप्रद कथाएँ (बालोपयोगी); बीरबल, हितोपदेश, पंचतंत्र, विक्रम-बेताल श्रृंखला। नवसाक्षर बाल साहित्य, विविध पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद व संपादन। अनेक अनुवाद कार्य व पुस्तकें प्रकाशनाधीन।

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