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भारत का कोना-कोना महिलाओं की सफलता की कहानियों से भरा पड़ा है। चाहे ये कहानियाँ आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेकर इतिहास में दर्ज हुई हों या फिर बीसवीं सदी की उन महिलाओं की हों, जिन्होंने न सिर्फ अपनी आर्थिक आजादी पाई है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि वे भी हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं।
ये महिलाएँ फैशन डिजाइनर, इंटीरियर डेकोरेटर, निर्यातक, प्रकाशक, कपड़ा निर्माता तो बन ही रही हैं, साथ ही आई.टी. सेक्टर में भी अपना विशिष्ट स्थान बना चुकी हैं। देशी-विदेशी कंपनियों की सी.ई.ओ. और मैनेजिंग डायरेक्टर बनने का गौरव हासिल कर चुकी ये महिलाएँ देश की आर्थिक प्रगति में सहयोग देने के लिए निरंतर नए क्षेत्रों की तलाश कर रही हैं। ये वे महिलाएँ हैं, जो भीड़ से अलग अपने-अपने क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों का ऐसा परचम लहरा रही हैं, जो आनेवाली पीढ़ी को न केवल प्रेरणा देता है, बल्कि वर्तमान पीढ़ी के लिए भी गर्व की बात है।
प्रस्तुत पुस्तक में उद्यम-जगत् में अपना वर्चस्व कायम कर चुकी कुछ महिलाओं की निजी व प्रोफेशनल जिंदगी की प्रेरक घटनाओं का विवेचन किया गया है। इन महिलाओं का जीवन, सोच एवं मेहनत प्रेरणाप्रद है और इससे नई पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
स्त्री-शक्ति को सही मायने में उद्घाटित करती नारी का सम्मान बढ़ानेवाली लोकप्रिय पुस्तक।
जन्म : दिल्ली में।
शिक्षा : हिंदी में एम.ए. करने के साथ ही पत्रकारिता का अध्ययन।
कृतित्व : हिंदी व अंग्रेजी में लेखन, देश की उच्च-स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं में चार सौ से अधिक कहानियाँ, कविताएँ व शोधपरक वैचारिक लेख प्रकाशित। आकाशवाणी के विभिन्न एकांशों से रचनाओं व वार्त्ताओं का नियमित प्रसारण। अंग्रेजी से हिंदी में अब तक 28 पुस्तकों का अनुवाद।
प्रकाशित कृतियाँ : ‘खाली कलश’, ‘ठोस धरती का विश्वास’, ‘अग्निदान’ (कहानी संग्रह)।
संप्रति : स्वतंत्र पत्रकारिता।