₹700
कैसे कानून नवाचार (इनोवेशन), विकास, गरीबी पर असर डालते हैं और राष्ट्र गरीब व अमीर बनते हैं। कूटर व शेफर बताते हैं कि इनोवेटर की पूँजी की समस्याओं का हल भी बेहतर कानून कर सकते हैं, जिसे वे विश्वास की दोहरी समस्या कहते हैं तथा इसके समाधान सुझाते हैं। कानून व अर्थशास्त्र के संयुग्मित विचार विश्व की गहनतम समस्याओं के हल की समझ देते हैं। यह पुस्तक राष्ट्रों की गरीबी पर ही नहीं, वरन् उसके नागरिकों की विकास की आकांक्षाओं के लिए कानूनी व इनोवेटिव विचारों को ऊर्जा देती है।
भारत में बेहतर कानूनी ढाँचागत व्यवस्था व नवाचार की ऊर्जा है। अतः यह पुस्तक भारतीय पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
अनुवादक विवेक रंजन पांडेय मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर में अधिवक्ता हैं। विधि व अर्थशास्त्र विषयों में अनेक शैक्षणिक कार्यक्रमों में अमेरिका, यूरोप व भारत में भागीदारी की है। आगामी पुस्तक ‘बीइंग जस्टिस: द साइंस ऑफ लीगल सिस्टम’है।
रॉबर्ट डी. कूटर बर्कली लॉ स्कूल, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में लॉ एंड इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर हैं। प्रमुख पुस्तक—‘स्ट्रैटेजिक कॉन्स्टीटूशन’।
हंस-बर्नड शे़फर एमेरिटस प्रोफेसर हमबर्ग विश्वविद्यालय, जर्मनी, वुसेरीयस स्कूल ऑफ लॉ, जर्मनी में लॉ एंड इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर हैं। प्रमुख पुस्तक—‘द इकोनॉमिक एनालिसिस ऑफ सिविल लॉ’।