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समाज के लिए कुछ करने की ललक, दूसरे के दु:ख को साझा करने की इच्छा, किसी के घाव पर मरहम लगाने की हसरत—ऐसा जज्बा जिन लोगों में हो, वे इनसान नहीं, फरिश्ते हैं। ऐसे लोग ही सही मायने में नायक हैं, रियल हीरोज हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में संकलित हैं ऐसे 48 असली हीरो, जिन्होंने अपनी जरूरतों से ऊपर उठकर दूसरों के लिए कुछ कर गुजरने का साहस किया है। उन्होंने उन कठिनाइयों का सामना किया, जो असामान्य थीं। उन सब में हम एक ही तरह की प्रेम की भावना का साक्षात्कार करते हैं कि दूसरों को खुश रखना, मलिन मुखमंडल पर मुसकान देखना और मर्यादित एवं प्रतिष्ठित जीवन जीने के लिए अनुभूति प्रदान करना। इन बहादुरों के कारनामों से एक महत्त्वपूर्ण संदेश मिलता है कि अदम्य इनसानी जज्बे की कोई सीमा नहीं होती।
इनमें से प्रत्येक हीरो एक ऐसे भारत का दिग्दर्शन कराता है, जिससे हजारों लोगों को आशा और प्रेरणा प्राप्त होती है। इन सबको जो चीज एकजुट रखती है, वह है बेहतर समाज की खातिर अदम्य इच्छा-शक्ति एवं दीप-शिखाओं को सुशोभित किए बिना अपने इरादों को प्राप्त करने की उनकी ताकत।
आज के समय में जब त्याग, समाजसेवा, परोपकार, बलिदान जैसी बातों को कोई महत्त्व नहीं देता, इस पुस्तक में संकलित इनसानियत के ये फरिश्ते इन बातों को प्रमाणित करने के जीवंत उदाहरण हैं।