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समाज के लिए कुछ करने की ललक, दूसरे के दु:ख को साझा करने की इच्छा, किसी के घाव पर मरहम लगाने की हसरत—ऐसा जज्बा जिन लोगों में हो, वे इनसान नहीं, फरिश्ते हैं। ऐसे लोग ही सही मायने में नायक हैं, रियल हीरोज हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में संकलित हैं ऐसे 48 असली हीरो, जिन्होंने अपनी जरूरतों से ऊपर उठकर दूसरों के लिए कुछ कर गुजरने का साहस किया है। उन्होंने उन कठिनाइयों का सामना किया, जो असामान्य थीं। उन सब में हम एक ही तरह की प्रेम की भावना का साक्षात्कार करते हैं कि दूसरों को खुश रखना, मलिन मुखमंडल पर मुसकान देखना और मर्यादित एवं प्रतिष्ठित जीवन जीने के लिए अनुभूति प्रदान करना। इन बहादुरों के कारनामों से एक महत्त्वपूर्ण संदेश मिलता है कि अदम्य इनसानी जज्बे की कोई सीमा नहीं होती।
इनमें से प्रत्येक हीरो एक ऐसे भारत का दिग्दर्शन कराता है, जिससे हजारों लोगों को आशा और प्रेरणा प्राप्त होती है। इन सबको जो चीज एकजुट रखती है, वह है बेहतर समाज की खातिर अदम्य इच्छा-शक्ति एवं दीप-शिखाओं को सुशोभित किए बिना अपने इरादों को प्राप्त करने की उनकी ताकत।
आज के समय में जब त्याग, समाजसेवा, परोपकार, बलिदान जैसी बातों को कोई महत्त्व नहीं देता, इस पुस्तक में संकलित इनसानियत के ये फरिश्ते इन बातों को प्रमाणित करने के जीवंत उदाहरण हैं।
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अनुक्रम
भूमिका — Pgs. 5
दो शब्द — Pgs. 7
संपादकीय टिप्पणी — Pgs. 11
1. अंजिना राजागोपाल — Pgs. 17
2. अंशु गुप्ता — Pgs. 20
3. अंसॉन थॉमस — Pgs. 24
4. अनिल जोशी — Pgs. 27
5. अभय आनंद और आनंद कुमार — Pgs. 30
6. अर्मिनी मोदी — Pgs. 33
7. अशोक राठौड़ — Pgs. 36
8. अहमद खान — Pgs. 41
9. एन. कृष्णन — Pgs. 44
10. एम.सी. मैरी कॉम — Pgs. 47
11. करसनभाई पटेल — Pgs. 50
12. के.एम. चिन्नप्पा — Pgs. 53
13. के.पी. थॉमस — Pgs. 56
14. के. सुजाता — Pgs. 59
15. गुड्डू बाबा — Pgs. 62
16. चेवांग नॉरफेल — Pgs. 65
17. जगबीर सिंह सूदन — Pgs. 68
18. जयप्रकाश डबराल — Pgs. 71
19. जल्पना पॉल — Pgs. 74
20. डॉ. निष्ठा देसाई — Pgs. 77
21. डॉ. प्रभाकर — Pgs. 81
22. डॉ. रऊफ एम. मलिक — Pgs. 85
23. डॉ. सुब्रोतो दास — Pgs. 89
24. डी. आशीष — Pgs. 92
25. दविंदर सिंह — Pgs. 96
26. दीपक साहा — Pgs. 99
27. दीप जोशी — Pgs. 101
28. धरणीधर बोडो — Pgs. 104
29. निशीथ मेहता — Pgs. 107
30. बाबर अली — Pgs. 110
31. भगवान नागरगोजे — Pgs. 113
32. मोहन फाउंडेशन — Pgs. 116
33. मोहम्मद शरीफ — Pgs. 119
34. रंगास्वामी एलांगो — Pgs. 121
35. राजपाल सिंह — Pgs. 124
36. रेनी जॉर्ज — Pgs. 127
37. शरद शर्मा — Pgs. 130
38. जापूतो आंगमी — Pgs. 133
39. शामजीभाई जे. अंथाला — Pgs. 137
40. सावित्री वैथी — Pgs. 140
41. सुनीता कृष्णन — Pgs. 143
42. सुभाषिनी मिस्त्री — Pgs. 146
43. सुषमा आयंगार — Pgs. 149
44. सोनम वांग्चुक — Pgs. 153
45. स्वप्न मुखर्जी — Pgs. 157
46. हनीफ लकड़वाला — Pgs. 161
47. हरेकाला हजब्बा — Pgs. 164
48. हेमंत पटेल — Pgs. 167
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड — Pgs. 171
C.N.N., I.B.N & TV 18 — Pgs. 174
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को इस अद्वितीय पहल का हिस्सा बनने पर अपार गर्व है। मैं सी.एन.एन. और आई.बी.एन. की टीम को बधाई देती हूँ कि उन्होंने इन अनजाने बहादुरों के जज्बे और उद्देश्य को कामयाबी के रूप में छायांकित करने तथा उनकी कहानियों को इस पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने में सफलता प्राप्त की है। मैं आशा करती हूँ कि उनके इस प्रयास से सेवा की भावना जाग्रत् होगी और आर्थिक विकास तथा सामाजिक सद्भावना का नया संतुलन सृजित करने की क्षमता बृहदाकार होगी। मैं प्रार्थना करती हूँ कि परिवर्तन के इन उत्प्रेरकों के कारनामे हम सब में मौजूद अपने असली नायकत्व को पहचानने में पथ-प्रदर्शक का काम करेंगे।
शुभकामनाओं सहित,
—नीता एम. अंबानी