कहते हैं कि ईश्वर इनसान के दिल की दुनिया में निवास करता है। ठीक है, लेकिन हत्यारे की तलवार इनसान के सिर को धड़ से अलग करती है, तब ईश्वर कौन सी दुनिया में चला जाता है। विदेशी आक्रांताओं ने मंदिरों में प्रतिष्ठित देव-मूर्तियों को तोड़कर धराशायी कर दिया तो ईश्वर ने उनके कातिल हाथों को क्यों नहीं रोका? फिर भी इन देशवासियों की आँखें नहीं खुलीं। ईश्वर को छाती से लगाए रहे और विश्वास करते रहे कि ईश्वर बचाएगा। सभी एकजुट होकर आततायियों से मुकाबला करने के लिए कभी तैयार नहीं हुए। आक्रांता सदियों से इनसानों को कुचलते रहे और अपनी तलवारों से इस धरती को खून से रँगते रहे। इस धर्मप्राण देश की जनता की सहायता करने ईश्वर कभी नहीं आया। वर्ष 2013 में उत्तराखंड में भयंकर त्रासदी हुई। हिमालय का दिल दरक गया। उसपर खड़े बदरीनाथ और केदारनाथ के मंदिरों में ईश्वर कहाँ छिपा बैठा था जब हजारों लोगों की जिंदगी तिनके की तरह जलधारा में बह गई। इन सब हादसों से मन विचलित होकर यही कहता है—ईश्वर कहाँ गया? इस पुस्तक को पढ़कर आप स्वयं विचार करें कि इसमें घटनाओं पर वर्णित घटनाएँ ईश्वर के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं अथवा नहीं।
जन्म : 15 जुलाई, 1934 को नगला पांडव, जनपद-एटा (उ.प्र.) में।
शिक्षा : एम.ए. (हिंदी, समाजशास्त्र, इंग्लिश), पी-एच.डी. (आगरा विश्वविद्यालय)।
प्रकाशन : ‘ब्रज का देवपरक लोक साहित्य एवं संस्कृति’ (शोध), ‘जाहरपीर’, ‘दिव्यात्मा’, ‘ईश्वर कहाँ गया’ (उपन्यास), ‘क्रांतिदूत मुलायम सिंह’, ‘अमीर खुसरो’, ‘अशफाकउल्ला खाँ’ (जीवनी), ‘चंद्रशेखर आजाद’, ‘ताज महल’, ‘रिटायरमेंट के बाद सुखी जीवन’ (खंड काव्य), ‘श्याम तेरी बंसी बजे धीरे-धीरे’ (ब्रज के कृष्णपरक लोक गीतों का संकलन), ‘बुढ़ापा विज्ञान’, ‘बहनों से दो बातें’, ‘The way of Smart Living’, ‘Taj Mahal’ (A Ballad in English), ‘Life after Retirement’, ‘Mulayam Singh: A Political Biography’।
अध्यक्ष, अमीर खुसरो फांउडेशन, राजनैतिक एवं सामाजिक चेतना के अनेक लेख, ऑल इंडिया रेडियो पर अनेक वार्त्ताओं का प्रसारण।
संप्रति : सृजन के साथ-साथ शिक्षा एवं सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय।
संपर्क : 20 सुनहरी नगर, एटा (उ.प्र.)। दूरभाष :09456444894