₹125
सीरिया और इराक लगभग विखंडन के कगार पर पहुँच गए, क्योंकि उनके विभिन्न समुदायों—शिया, सुन्नी, कुर्द, अलावाइट और ईसाई—को यह लगा कि वे अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं। इसलाम धर्म के कट्टरपंथी अनुपालन के लिए निष्ठुर इसलामिक स्टेट ऑफ इराक ऐंड सीरिया (ISIS) ने उन सभी को अपना निशाना बनाया, जिन्होंने इसके नियमों का विरोध भर किया। उन्हें या तो मार दिया या भाग जाने के लिए विवश कर दिया गया।
10 जून, 2014 इतिहास का एक काला दिन था, जब ISIS ने चार दिन की लड़ाई के बाद इराक की उत्तरी राजधानी मोसुल पर कब्जा कर लिया।
भयाक्रांत करने में ISIS कुख्यात है। इसके द्वारा तैयार वीडियो क्लिपों में इसके लड़ाकों द्वारा शिया सैनिकों और ट्रक ड्राइवरों को फाँसी देते हुए दिखाया गया है, ऐसी कुत्सित घटनाओं ने मोसुल और टिकरित पर कब्जे के दौरान शिया सैनिकों को आतंकित करने और उनका मनोबल तोड़ने में प्रमुख भूमिका निभाई।
मोसुल और इराक के अधिकांश उत्तरी भाग पर कब्जा करने के बाद ISIS नेता अबू बर्क अल-बगदादी को नई खिलाफत का मुखिया घोषित कर दिया गया, जो सभी मुसलमानों से अंधानुसरण की अपेक्षा करता है। मानवता के शत्रु और जेहादियों के जत्थे पैदा करनेवाली ISIS की काली करतूतों का सजीव लेखा-जोखा देती है यह पुस्तक, जो पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी प्रभावी छाप छोड़नेवाले पैट्रिक कॉकबर्न ने अपनी जान जोखिम में डालकर तैयार की है।
______________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________
अनुक्रम
भूमिका — Pgs. 5
आभार — Pgs. 17
1. ISIS का उदय — Pgs. 21
2. मोसुल की लड़ाई — Pgs. 30
3. खंडन — Pgs. 40
4. जेहादियों की रवानगी — Pgs. 57
5. इराक में सुन्नियों का पुनरुत्थान — Pgs. 75
6. जेहादियों द्वारा सीरिया के विद्रोह पर नियंत्रण — Pgs. 91
7. सऊदी अरब की वापस निकलने की कोशिश — Pgs. 106
8. यदि रक्त बहता है तो यह आगे बढ़ता है — Pgs. 118
9. युद्ध और आघात — Pgs. 138
उपसंहार — Pgs. 152
पैट्रिक कॉकबर्न वर्तमान में ‘इंडिपेंडेट’ के लिए मध्य-पूर्व के संवाददाता हैं और इससे पूर्व ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ के लिए काम कर चुके हैं। इराक के हाल ही के इतिहास के बारे में उन्होंने तीन पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें ‘दि आक्युपेशन : वार एंड रेसिस्टेंस इन इराक’ भी शामिल हैं, जिसे नेशनल बुक क्रिटिक्स सर्किल अवार्ड्स की अंतिम सूची में जगह मिली। उन्होंने ‘द ब्रोकन ब्वॉय’ नामक एक संस्मरणात्मक पुस्तक की भी रचना की और अपने पुत्र के साथ मिलकर सिजोफ्रेनिआ पर एक पुस्तक ‘हेनरीज डेमनस’ भी लिखी है, जो कोस्टा अवार्ड के लिए अंतिम सूची में चुनी गई। उन्हें सन् 2005 में ‘मार्था गेलहार्न पुरस्कार’, 2006 में ‘जेम्स केमरन पुरस्कार’ और सन् 2009 में पत्रकारिता के क्षेत्र में दिए जानेवाले ‘ऑरविल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। ‘द कॉमेंट्स अवार्ड्स’ द्वारा उन्हें सन् 2013 में ‘फॉरेन कॉमेंटेटर ऑफ द ईयर’ हेतु नामित किया गया।