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"इजराइल के लिए प्रारंभिक वर्ष बेहद कठिन थे। एक बिल्कुल नया देश, जिसके पास कोई वित्तीय भंडार नहीं था और बुनियादी ढाँचा भी न के बराबर था, उसको अचानक से अपनी आबादी से कहीं अधिक आप्रवासियों को समायोजित करना पड़ा।
पर जल्दी ही हर क्षेत्र में इजराइल ने विकास के आश्चर्यचकित कर देनेवाले काम किए। एक ऐसा देश, जिसे 1950 के दशक में खाने की राशनिंग करनी पड़ी थी, सन् 2000 तक, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीतनेवाली दर्जनों वाइनों का उत्पादन कर रहा था। एक ऐसा देश, जिसके पास कई दशकों तक मात्र एक टेलीविजन स्टेशन था, वहाँ अब अनगिनत चैनल प्रसारित हो रहे थे और वह ऑस्कर के लिए प्रतिस्पर्धा करनेवाली फिल्मों का निर्माण कर रहा था। एक ऐसा देश, जिसमें नरसंहार से बचे कई लोग रह रहे थे, जो धैर्य और सहनशीलता के प्रतीक थे; वह अब एक सैन्यशक्ति बन गया था। लंबे समय तक सीखने को पवित्र कार्य माननेवाले लोग असाधारण परिणामों के साथ उस परंपरा को अपने नवजात देश में लाए, नोबेल पुरस्कार जीता और कई क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक स्थापित किए
प्रखर राष्ट्रवाद का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करनेवाले देश की यशोगाथा, जिसके नागरिकों ने अद्भुत जिजीविषा और अदम्य इच्छाशक्ति दिखाकर अपने राष्ट्र को विश्व का सिरमौर बना दिया।"